ग्रीस के साथ पहले साझा समुद्री-युद्धाभ्यास के लिए भारतीय नौसेना का स्टेल्थ फाइटर जेट आईएनएस त्रिकंड भूमध्य सागर में हेलेनिक नेवल बेस सलामिस बे पहुंच गया है. इस युद्धाभ्यास से टर्की (तुर्किए) के माथे पर बल पड़ना लाजमी है, जिसकी ग्रीस से लंबा विवाद रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान टर्की ने पाकिस्तान की मदद के लिए न केवल अपना युद्धपोत भेजा था बल्कि ड्रोन की सप्लाई भी की थी.
आईएनएस त्रिकंड के सलामिस बे पहुंचने पर भारतीय नौसेना ने एक संक्षिप्त बयान जारी किया है. नौसेना के मुताबिक, इस यात्रा के दौरान, आईएनएस त्रिकंड भारत और ग्रीस के बीच पहली द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास में भाग लेगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाना, सामरिक कौशल को परिष्कृत करना और परिचालन समन्वय को गहरा बनाना है. (https://x.com/indiannavy/status/1967185829811609940?s=46)
हाल के वर्षों में भारत और ग्रीस के सैन्य संबंध बेहद मजबूत हुए हैं. मौजूदा नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने अपने पहले विदेशी दौरों में ग्रीस को भी शामिल किया था. उस दौरान (सितंबर 2024 में), एडमिरल त्रिपाठी ने सलामिस बे का भी दौरा किया था, जहां ग्रीस की नौसेना का ऑपरेशन्ल हेडक्वार्टर है. नौसेना प्रमुख ने ग्रीस की एक पनडुब्बी का भी जायजा लिया था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ग्रीस ने भी अपना एक युद्धपोत मुंबई के करीब अरब सागर में भेजा था. क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने अपना एक जंगी जहाज कराची में तैनात किया था. पाकिस्तान को डर था कि पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारतीय नौसेना कराची बंदरगाह पर हमला कर सकती है. पाकिस्तान और तुर्की के संबंध किसी से छिपे नहीं रहे हैं. यही वजह है कि आईएनएस त्रिकंड का ग्रीस दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.
दरअसल, ग्रीस का भूमध्य सागर के एजियन सी (समंदर) में पिछले कई दशक से मेरीटाइम विवाद चल रहा है. ये वही तुर्की है जो कश्मीर के मुद्दे पर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान का साथ देना कभी नहीं भूलता. पहलगाम नरसंहार के बाद तुर्किए के राष्ट्रपति, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के साथ खिल खिलाकर हंसने का वीडियो पूरी दुनिया ने देखा था. वहीं भारत के खिलाफ उस दौरान एर्दोगन ने हथियार भी भेजे थे. वो दूसरी बात है कि तुर्किए के सारे के सारे ड्रोन भारत के सामने फेल साबित हुए थे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के ड्रोन को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मात दे थी थी.