रुस के खिलाफ विदेशी टट्टू, जासूसों के दावे से खलबली
क्या यूक्रेन की सेना की ओर से लड़ रहे हैं नाटो देश के सैनिक. क्या वाकई फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सैनिकों को कीव की ओर से मोर्चा संभालने के लिए भेजा है. या यूक्रेन की सेना ने खुद विदेशी सैनिकों को भर्ती किया है.
क्रेमलिन ने दावा किया है कि रूस की सेना लगातार यूक्रेनी मोर्चों पर लड़ रहे विदेशी सैनिकों की आवाजें सुन रही है. रूसी जासूसों ने लड़ाई के मोर्चों पर अंग्रेजी और फ्रेंच भाषाएं सुनी हैं.
विदेशी लड़ाकों को रूसी सेना बख्शेगी नहीं: क्रेमलिन
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ये कहकर सनसनी फैला दी है, कि “यूक्रेन की सेना की ओर से अंग्रेजी और फ्रेंच बोलने वाले सैनिक हैं. दिमित्री ने कहा, रूस की सेना विदेशी भाषाएं सुन रही है. हम विदेशी सैनिकों के खिलाफ एक्शन भी ले रहे हैं. ऐसे सैनिकों को मार दिया जाएगा.”
दरअसल रूस अक्सर ये कहता आया है कि अगर यूक्रेन में नाटो सैनिक तैनात हुए तो युद्ध सीधे यूरोप के देशों से माना जाएगा.
दिमित्री ने अपने बयान में कहा, “रूसी खुफिया सर्विस (एसवीआर) ने पाया है कि पेरिस के 2000 सैनिक कीव की ओर हैं. ये चिंताजनक है.”
वहीं पिछले साल फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सैनिकों के तैनाती की बात भी कही थी, जिसके बाद फ्रांस और रूस में सीधे-सीधे ठन गई थी.
अमेरिका और नाटो ने आरोपों पर क्या कहा है?
क्रेमलिन के आरोपों को अमेरिका और नाटो ने खारिज कर दिया है. नाटो और अमेरिका का कहना है कि उनके सैनिक यूक्रेन में नहीं हैं. हालांकि ऐसी कई रिपोर्ट्स आई हैं कि अमेरिका और यूरोप की सीक्रेट एजेंसियां यूक्रेन में मौजूद हैं, लेकिन वॉरज़ोन में नहीं हैं.
वहीं फ्रांस की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है. लेकिन इस साल फ्रांस ने अपने राष्ट्रपति की बात को आगे बढ़ाते हुए ये जरूर कहा था कि वो ब्रिटेन के साथ मिलकर एक शांति सेना बनाने का इच्छुक है, जो रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद करेगी.
पोलैंड पर भड़का रूस, कहा, रूसी ढांचे पर अटैक मतलब आतंकवादी हमला
पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि यूक्रेन को कथित तौर पर पूरे यूरोप में रूसी बुनियादी ढाँचे पर हमला करने का अधिकार है, क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा कि “यह आतंकवादी कृत्यों को उचित ठहराने के समान है.”
रूसी प्रवक्ता ने कहा, “यूरोपीय देशों के नेतृत्व इस बात पर विचार करें कि पोलैंड के साथ इतना घनिष्ठ गठबंधन, जो आतंकवादी हमलों को उचित ठहराता है, यूरोपीय संघ के लिए क्यों आवश्यक है.”
पेस्कोव ने यह भी कहा कि “अगर यूरोप, यूक्रेन को और समर्थन देना चाहता है, तो इसका मतलब होगा कि उसके करदाताओं पर और अधिक खर्च आएगा. कीव के लोगों को खुद सोचना चाहिए, कि उन्हें इन यूरोपीय देशों के कारण कितना नुकसान हो रहा है.”

