जल रहा है नेपाल. फेसबुक, इंस्टाग्राम, समेत कई सोशल मीडिया पर हुए बैन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन के दौरान 20 से ज्यादा की मौत के बाद हालात बिगड़ गए हैं. नेपाल की ओली सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में जेनरेशन जी (जेड) के युवा सड़कों पर उतर आए.
प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवा संसद भवन परिसर में घुस गए. बवाल इतना बढ़ा कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए हुई फायरिंग में 14 की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं आनन फानन में सरकार ने हाईलेवल बैठक बुलाई.
नेपाल में बिगड़े हालात, शूट एट साइट के आदेश
काठमांडू, पोखरा समेत कई शहरों में सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का बैनर पोस्टर लिए युवाओं का प्रदर्शन, सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भी भड़क गया. जेनरेशन जी के युवाओं ने ओली सरकार से फौरन फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डिन, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स समेत 24 के करीब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतर गए.
लेकिन हालात उस वक्त बेकाबू हो गए जब प्रदर्शनकारी युवा राष्ट्रपति भवन और संसद में घुस गए और तोड़फोड़ शुरु कर दी. कई इमारतों में आगजनी की गई. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन जब हालात काबू में नहीं आए तो सड़कों पर सेना को उतरना पड़ा.
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास के आसपास आर्मी तैनात की गई है, ताकि प्रदर्शनकारी इनके आवास में ना घुसे. वहीं प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सरकार ने शूट एट साइट के आदेश दे दिए हैं.
नेपाल के संसद भवन को प्रदर्शनकारियों ने घेरा, की तोड़फोड़
10 से 15 हजार प्रदर्शनकारी संसद भवन के नजदीक मौजूद रहे. सेंट्रल सेक्रेरेटेरियट को भी युवाओं ने घेर लिया. कई प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की है और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन जब युवाओं ने इमारतों में तोड़फोड़ की और आगजनी शुरु की तो फायरिंग की गई. लोगों का आरोप है कि फायरिंग के बाद चीखपुकार मच गई, कई युवाओं ने मौके पर दम तोड़ दिया जबकि कई लोगों की अस्पताल में मौत हो गई.
स्कूल यूनिफॉर्म में पहुंचे छात्र, 28 से कम उम्र के युवाओं का प्रदर्शन
प्रदर्शन में जेनरेशन ज़ी स्कूल यूनिफॉर्म में शामिल हुए, ताकि दिखे कि ये नौजवानों का आंदोलन है. 28 साल से ऊपर के लोगों को प्रदर्शन में आने नहीं दिया गया. छात्र-छात्राओं ने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया, जिसमें लिखा गया कि सोशल मीडिया शुरु हो, भ्रष्टाचार बंद किया जाए, बेरोजगारी के खिलाफ लिखा गया.
प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. नेपाल की राजधानी काठमांडू के अलावा विराटनगर, भरतपुर और पोखरा में भी प्रदर्शन हुए. युवाओं का आरोप है कि सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और एक्स जैसे सोशल मीडिया एप पर बैन लगाया, लेकिन टिकटॉक पर बैन नहीं लगाया. महत्वपूर्ण ऐप बैन होने के कारण कारोबारियों का बिजनेस थम गया और बच्चों की पढ़ाई रुक गई.
पीएम ओली ने की आपात बैठक, प्रदर्शन के बाद शुरु हुआ फेसबुक, व्हाट्सएप
14 से ज्यादा मौतों के बाद ओली सरकार ने आपात बैठक बुलाई. इससे पहले नेपाल में मंत्री परिषद की बैठक शुरु की गई. इस मीटिंग में चीफ, डिपार्टमेंट ऑफ फॉरन अफेयर्स, फॉर्मर डिप्टी प्राइम मिनिस्टर, फॉरन मिनिस्टर रघुबीर महासेठ शामिल हुए.
उग्र प्रदर्शन के बाद फेसबुक और व्हाट्स एप शुरु कर दिया गया, लेकिन युवाओं ने पीएम ओली से इस्तीफा मांगा है.
नेपाल में क्यों 26 से ज्यादा सोशल साइट्स पर लगाया गया था बैन
नेपाल ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया है. नेपाल सरकार ने ऐसा सख्त कदम इसलिए उठाया क्योंकि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दिए गए 7 दिन के नियमों का पालन नहीं किया था.
मंत्रालय ने कंपनियों के लिए पंजीकरण पूरा करने के लिए 28 अगस्त से 7 दिनों की समय सीमा तय की थी, लेकिन कंपनियों ने नियम का पालन नहीं किया, जिसके बाद पूरे नेपाल में बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी गई है.
नेपाल में जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगी है, उनमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम,वॉट्सएप की पैरैंट कंपनी), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स, रेडिट या लिंक्डइन समेत किसी भी प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं भरा है. वहीं टिकटॉक, वीटॉक, वाइबर और निबंज जैसे प्लेटफॉर्म नेपाल में पंजीकृत हो चुके हैं. वहीं, टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी प्रक्रिया में हैं, लेकिन ने अभी आवेदन नहीं भरा था.