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गोरखा युद्ध स्मारक से मजबूत होंगे भारत-नेपाल के रिश्ते, अग्निवीरों के लिए गुड न्यूज

भारत माता पर जान न्योछावर करने वाले गोरखा रेजीमेंट के वीर सपूतों के अदम्य साहस एवं शौर्यगाथा के स्मरण के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उठाया है बड़ा कदम. गोरखपुर में गोरखा युद्ध स्मारक के सौन्दर्यीकरण और संग्रहालय का शिलान्यास किया गया है. 

गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने संयुक्त रूप से भूमि पूजन किया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा, यह स्मारक न केवल वीर सैनिकों के पराक्रम का प्रतीक होगा बल्कि भारत- नेपाल संबंधों को भी और मजबूत करेगा.

हालांकि सेना में लाए गए अग्निपथ योजना के बाद से नेपाल के गोरखाओं की भर्ती बंद हो गई है. नेपाल अपने युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए भारतीय सेना में नहीं भेजना चाहता. 

पूरी दुनिया भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा करती है: सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा, “पूरी दुनिया भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा करती है और उसमें गोरखा सबसे ऊपर हैं. साल 1815 में जब गोरखा ने अंग्रेजों से युद्ध किया, तब उन्हें संधि करने पर मजबूर होना पड़ा और इसके बाद गोरखा सैनिकों को सेना में शामिल होने का अवसर मिला. आजादी के बाद गोरखा भारतीय सेना के हिस्सा बने. युद्ध में इन वीर सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों पर विजय श्री प्राप्त की.”

सीएम योगी ने कहा, “यह स्मारक कृतज्ञता का भाव जीवंत करेगा और भारत- नेपाल के सांस्कृतिक व राजनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करेगा.”

प्रथम विश्वयुद्ध में 20 हजार गोरखा जवानों ने बलिदान दिया: सीडीएस 

कार्यक्रम में मौजूद सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गोरखाओं की शौर्यगाथा सुनाई. सीडीएस ने कहा, “गोरखा सैनिक भारतीय सेना की पहचान हैं। उन्होंने याद दिलाया कि केवल प्रथम विश्व युद्ध में ही 20 हजार गोरखा जवानों ने बलिदान दिया था.”

कार्यक्रम में गोरखा सैनिकों के इतिहास और शौर्य पर आधारित एक वीडियो प्रस्तुत किया गया. मुख्यमंत्री योगी ने पांच वीर नारियों को सम्मानित किया. गोरखा बैंड द्वारा प्रस्तुत “सिंदूर नहीं मिटने देंगे” गीत और पारंपरिक खुखरी नृत्य का प्रदर्शन किया गया.

यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत अग्निवीरों के लिए आरक्षित, सीएम ने दोहराया वादा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से अग्निवीरों से किए गए वादे को दोहराया. कहा कि “सेवा में शामिल हुए अग्निवीर अगले वर्ष आएंगे और उत्तर प्रदेश पुलिस में 20 प्रतिशत स्थान उन्हें दिया जाएगा. यह व्यवस्था उनके जीवन और सुरक्षा की गारंटी बनेगी.”

जून में यूपी सरकार ने घोषणा की थी कि भारतीय सेना में सेवा देने के बाद यूपी पुलिस और पीएससी में अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. इसके साथ ही अग्निवीरों को एज लिमिट में भी छूट दी जाएगी. अब भूतपूर्व सैनिक की तरह अग्निवीरों अधिकतम आयु सीमा में 03 वर्ष की छूट प्रदान की जायेगी.

अग्निवीर का पहला बैच जो 2026 में रिटायर होगा, उनके लिए यूपी पुलिस और पीएससी भर्ती में भी बढ़िया मौके आएंगे. यूपी सरकार से पहले हरियाणा सरकार ने भी अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया था.

साल 2022 में शुरू अग्निवीर योजना के अंतर्गत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में युवाओं को चार साल के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जाता है. ट्रेनिंग के बाद उनकी पोस्टिंग होती है.

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