इनदिनों नेटफ्लिक्स ओरिजिनल पर ग्रीक विश्व-विजेता सिकंदर पर एक सीरीज आई है ‘अलेक्जेंडर, द मेकिंग ऑफ ए गॉड’. जैसा हम सभी जानते हैं कि पूरी दुनिया को फतह करने के बाद ग्रीस के सम्राट ने भारत पर भी आक्रमण किया था. लेकिन फिर उत्तर-पश्चिम भारत के एक राजा पोरस से युद्ध के बाद (आज के पाकिस्तान) से वापस लौट गया था. लेकिन अब उसी अलेक्जेंडर द ग्रेट के देश, ग्रीस के प्रधानमंत्री इस महीने भारत के दौरे पर आ रहे हैं.
ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस का भारत दौरा (20-24 फरवरी) महज प्राचीन भारत और यूनान (आधुनिक ग्रीस) के संबंधों को एक बार फिर से जीवित करने तक सीमित नहीं है. बल्कि इसके कई सामरिक मायने हैं. सिकंदर के एक सेनापति सेल्यूकस को मौर्य शासन के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य ने ना केवल हराया था बल्कि उसके परिवार से वैवाहिक संबंध भी स्थापित किए थे. यूनान का एक दूत मेगस्थनीज मौर्य दरबार में भी नियुक्त किया गया था जिसने प्राचीन भारत के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी.
जानकारी के मुताबिक, ग्रीस के प्रधानमंत्री जब इस महीने भारत के दौरे पर आएंगे तो उसका मुद्दा होगा बिजनेस. किरियाकोस मिस्तोताकिस भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तो मुलाकात करेंगे ही साथ ही उनके साथ आ रहा बिजनेस डेलिगेशन राजधानी दिल्ली सहित मुंबई और बेंगलुरु का दौरा भी करेगा. बिजनेस डेलिगेशन का उद्देश्य भारत और ग्रीस के बीच टूरिज्म, एनर्जी, दवाईयों और लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाया जा सके. लेकिन भारत के लिए ग्रीस के साथ संबंध सामरिक तौर से भी बेहद महत्वपूर्ण है.
दरअसल, ग्रीस का तुर्की (तुर्किए) के साथ छत्तीस का आंकड़ा है. दोनों देशों का भूमध्य-सागर और एजियन सागर में पिछले कई दशक से विवाद चल रहा है. साइप्रस को लेकर भी दोनों देशों में लंबी अदावत है. तुर्की के खिलाफ ग्रीस को वैश्विक समर्थन चाहिए. ऐसे में ‘वर्ल्ड-लीडर’ यानी विश्वगुरु भारत से महत्वपूर्ण देश कोई नहीं हो सकता है. भारत इसलिए, क्योंकि ये वही तुर्की है जो कश्मीर के मुद्दे पर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान का साथ देना कभी नहीं भूलता.
तुर्की संयुक्त राष्ट्र हो या ओआईसी (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज) कश्मीर के मुद्दे को उठाता रहता है. इसके अलावा भारत के पड़ोसी (और दुश्मन) देश पाकिस्तान को हथियार देने से बाज नहीं आता. हाल ही में पाकिस्तान को तुर्की से खतरनाक कॉम्बेट ड्रोन बायरेक्टर मिले हैं. पाकिस्तान इन बायरेक्टर ड्रोन को लाहौर के करीब भारत से सटी सीमा पर तैनात करने की तैयारी कर रहा है. यही वजह है कि भारत अब ‘दुश्मन का दुश्मन, दोस्त’ की नीति पर चल रहा है. साफ है कि तुर्की को मिर्ची लगनी लाजमी है.
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