बदन पर वर्दी, आंखों में काला चश्मा, चेहरे पर नकाब और हाथों में हथियार लेकर गाजा की सड़कों पर हमास के आतंकियों के जश्न की तस्वीरें जिसने भी देखी, हैरान रह गया. युद्धविराम होते ही नकाबपोश बंदूकधारी गाड़ियों में सवार होकर जश्न मनाते दिखे.
हमास आतंकी ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि पिछले 15 महीनों में इजरायली सेना उन्हें खत्म करने में नाकाम रही है. 7 अक्टूबर 2023 के हमले में जान गंवाने वाले परिवार के लोगों का मन मसोस कर रह गया है. इन तस्वीरों को देखकर बेंजामिन नेतन्याहू भी गुस्से में हैं, क्योंकि न चाहते हुए भी उन्हें अमेरिका के दबाव में आकर रविवार को तीन बंधकों के बदले 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ना पड़ा है.
ताकता रह गया इजरायल, वर्दी में निकले हमास आतंकी
इजरायल के साथ हुए युद्ध विराम के पहले चरण में वर्दी पहनकर तीन महिला बंधकों को छोड़ने आए थे हमास के एलीट फोर्स के आतंकी. रविवार को इजरायल और हमास के बीच बंधकों की अदला-बदली हुई. बंधकों की अदला बदली के दौरान हमास के आतंकियों ने गाजा के अल सराया स्क्वायर पर अपनी पूरी वर्दी पहनी थी. पिकअप ट्रक में मुंह पर नकाब पहने हमास के आतंकी हथियार लहराते हुए गाजा की गलियों में निकले. इस दौरान हजारों-लाखों की तादाद में फिलिस्तीनी समर्थकों ने ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगाए, जो इजरायली सेना को चिढ़ाने के लिए काफी हैं.(https://x.com/DrEliDavid/status/1881068596429988227)
हमास ने दावा किया है कि इजरायल अपने लक्ष्य को हासिल करने में फेल हुआ है. वहीं हमास की अल कसम ब्रिगेड की तारीफ करते हुए प्रवक्ता अबू ओबैदा ने गाजा के युद्ध से सीख लेने को कहा है. युद्ध को प्रेरणादायी बताते हुए कहा है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी जीत एक सबक है.”
समझौते से खुश नहीं नेतन्याहू, आत्मसमर्पण किया
7 अक्टूबर 2023 को जब हमास के आतंकियों ने इजरायल पर अटैक किया तो पीएम नेतन्याहू और इजरायली सेना ने आतंकियों के खात्मे की कसम खाई. भयंकर अटैक हुए. इजरायल ने ऐसे कई ऑपरेशन किए जिससे पूरी दुनिया चौंककर रह गई, चाहे वो हिजबुल्लाह के खिलाफ पेजर अटैक हो, ईरान में घुसकर हमास चीफ हानिया को मार गिराना हो या फिर हमास चीफ याह्या सिनवार को ढेर करना हो. इजरायल ने हमास की सुरंगें तबाह कर डालीं, बड़े नेताओं को मार गिराया, फिलिस्तीन में तबाही मचा डाली, लेकिन वो अपने बंधकों को छुड़ाने में नाकामयाब रहा. (हमास ने रिहा किया तीन युवतियों को, रेड क्रॉस ने निभाई अहम भूमिका)
हमास का खात्मा और बंधकों की रिहाई को लेकर शुरु हुए लक्ष्य को तकरीबन 15 महीने में इजरायल बाद भी नहीं पा सका. अंत में अमेरिका के दबाव में न चाहते हुए भी नेतन्याहू को झुकना पड़ा और इसे हमास अपनी जीत की तौर पर देख रहा है. नेतन्याहू के कुछ मंत्रियों ने समझौते को गलत बताया है. कुछ ने हमास के सामने आत्मसमर्पण और विनाशकारी बताया है.