22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरण घाटी में 26 लोगों की हत्यारे आतंकियों का खात्मा करने वाले जवानों को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सम्मानित किया है. सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के ये वो शूरवीर हैं, जिन्होंने ऑपरेशन महादेव लॉन्च करके पहलगाम के गुनहगार आतंकियों को मार गिराया था. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव ने आतंकी सरगनाओं को भारतीय नागरिकों की जान से खेलने के दुष्परिणामों का स्पष्ट संदेश दिया.
अमित शाह दिया पहलगाम आतंकियों को ढेर करने वाले जवानों को सम्मान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के उन वीर जवानों से भेंट की और उन्हें सम्मानित किया, जिन्होंने ऑपरेशन महादेव को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था. इस ऑपरेशन में पहलगाम आतंकवादी हमले के मुख्य आतंकियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. ऑपरेशन में ढेर किए गए तीनों आतंकी– सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा (लश्कर का ए-कैटेगरी कमांडर), हमजा अफगान और जिब्रान पाकिस्तानी नागरिक थे. सुलेमान पाकिस्तानी आर्मी का पूर्व कमांडो था. वह पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था और 2023 के पुंछ हमले तथा 2024 के गगनगीर हमले में भी शामिल था.
ऑपरेशन सिंदूर से संतुष्टि, ऑपरेशन महादेव ने भरा आत्मविश्वास: अमित शाह
अमित शाह ने जवानों को सम्मानित करते हुए कहा, कि “ऑपरेशन महादेव ने न केवल पहलगाम हमले के अपराधियों को सजा दी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव ने आतंक के आकाओं को भारतीय नागरिकों की जान से खेलने के परिणामों के बारे में एक स्पष्ट संदेश दिया है. ऑपरेशन सिंदूर ने जहां लोगों को संतुष्टि दी, वहीं, ऑपरेशन महादेव ने उस संतुष्टि को आत्मविश्वास में बदल दिया. हमारे सैनिकों ने दुनिया को दिखा दिया कि आतंकवादी चाहे कोई भी रणनीति अपनाएं, वे अब भारत को नुकसान पहुंचाकर बच नहीं सकते.”
कश्मीर में आई शांति और विकास को पटरी से उतारने के लिए पहलगाम में हुआ हमला: शाह
अमित शाह ने कहा, “ऐसे समय में जब कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर था, पहलगाम हमला ‘कश्मीर मिशन’ को पटरी से उतारने का एक असफल प्रयास था. सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रही है. चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव को लेकर खुशी और उत्साह महसूस किया और सुरक्षा बलों के प्रति आभार व्यक्त किया. राष्ट्रीय सुरक्षा में यही विश्वास भारत की हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने की आकांक्षा का आधार है.”
आतंकी पाकिस्तानी थे, फोन विश्लेषण, डीएनए मैचिंग, वोटर कार्ड से साबित हुए: अमित शाह
अमित शाह ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि,”एनआईए की एफएसएल (फॉरेन्सिक लैब) ने सैटेलाइट फोन विश्लेषण, डीएनए मैचिंग और पाकिस्तानी वोटर आईडी से साबित किया कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे. जवानों ने दुनिया को दिखाया कि आतंकी कितनी भी रणनीति बदल लें, भारत को आहत पहुंचाकर बच नहीं सकते.”
ऑपरेशन महादेव के बारे में जानिए
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक नरसंहार के बाद सुरक्षाबलों के लिए उन आतंकियों के खात्मे की चुनौती थी, जिन्होंने धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा. 22 मई को दाचीगाम जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली. 22 जुलाई तक सेना, आईबी और सीआरपीएफ ने सेंसर और पैदल गश्त से सिग्नल ट्रैक किए. इस बीच आतंकियों ने एक सिग्नल का इस्तेमाल किया, जिसके बाद ऑपरेशन महादेव लॉन्च किया गया. ऑपरेशन महादेव इसलिए क्योंकि आतंकी महादेव की पहाड़ियों के जंगलों में छिपे थे, साथ ही ये ऑपरेशन सावन जिसे शिवशंभू का महीना कहा जाता है साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज का उद्घोष हर-हर महादेव से प्रेरित था.
28 जुलाई को चिनार कोर के नेतृत्व में 24 राष्ट्रीय राइफल्स, 4 पैरा स्पेशल फोर्स, जेकेएप और सीआरपीएफ ने लिडवास क्षेत्र (महादेव चोटी के पास) में घेराबंदी की. ड्रोन सर्विलांस और नोमैड्स (खानाबदोश) के इनपुट से आतंकियों के ठिकाने का पता चला. ये घने जंगल में छिपे थे. तीन घंटे की मुठभेड़ में तीनों ढेर हो गए.