आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद सरकार ने मणिपुर की हिंसा को लेकर कमर कस ली है. राज्य में जातीय संघर्ष समाप्त करने के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही कुकी और मैतेई समुदाय से बातचीत कर खाई को पाटने की कोशिश करेगा. इस बाबत गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सेना और पैरा-मिलिट्री फोर्स के साथ मिलकर एक खास रणनीति को तैयार किया गया है.
सोमवार को गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि अमित शाह ने नई दिल्ली में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, थलसेनाध्यक्ष (नामित) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार, असम राइफल्स के महानिदेशक, मणिपुर के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सेना तथा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है. अमित शाह ने मणिपुर में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केन्द्रीय बलों की रणनीतिक तैनाती करने के आदेश देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी. इस दौरान गृह मंत्री ने हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.
पिछले एक साल से मणिपुर जातीय हिंसा की चपेट में जल रहा है. कुकी और मैतेई समुदाय एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं. केंद्र और राज्य सरकार, दोनों को हिंसा पर काबू न पाने के कारण आलोचना का शिकार भी होना पड़ा है. हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर हिंसा को एक बड़ा मुद्दा बनाया था. चुनाव में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कम सीटें आने पर राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर काबू न पाने को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा था. यही वजह है कि सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है.
गौरतलब है कि सरकार बनने के तुरंत बाद टीएफए ने भी बताया था कि आने वाले समय में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से जम्मू में आतंकवाद पर काबू पाना और मणिपुर हिंसा पर लगाम लगाना सरकार की टॉप-वरीयता होगी (पीएम मोदी का ‘दाहिना हाथ’ बने रहेंगे डोवल !).
सोमवार की मीटिंग में गृह मंत्री ने राहत शिविरों की स्थिति की भी समीक्षा की तथा भोजन, पानी, दवाइयों और अन्य बुनियादी सुविधाओं की समुचित उपलब्धता के निर्देश दिए. अमित शाह ने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं सुनिश्चित करने तथा उनका पुनर्वास करने का आदेश भी दिया.