Breaking News Geopolitics Indo-Pacific

अलेक्जेंडर की धरती पर IAF चीफ, तुर्किए हैरान

सिकंदर के देश ग्रीस से भारत की बढ़ रही है रक्षा साझेदारी. पिछले साल ग्रीस की सेना हिंदुस्तान पहुंची थी तो अब संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह आधिकारिक दौरे पर ग्रीस पहुंचे हैं. 

ग्रीस की पापागु मिलिट्री बेस स्थित हेलेनिक एयर फोर्स जनरल स्टाफ में ग्रीस के वायुसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डिमोस्थेनिस ग्रिगोरियादिस ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का औपचारिक स्वागत किया. दोनों देशों के बीच जारी सैन्य सहयोग को नई दिशा देने की उम्मीद इस दौरे से जताई जा रही है.

ग्रीस की लड़ाकू इकाईयों का एयर मार्शल ने दौरा किया

ग्रीस की वायुसेना की ओर से भारतीय वायुसेनाध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य संचालन और प्रशिक्षण के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूती देना है. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ग्रीस की लड़ाकू इकाइयों का दौरा किया और स्टाफ टॉक्स में हिस्सा लिया. दोनों देशों की वायुसेनाएं पहले भी संयुक्त सैन्य अभ्यास जैसे ‘इनियोखोस-23’, ‘इनियोखोस-25’ और ‘तरंग शक्ति-24’ में भाग ले चुकी हैंय

डेकलिया एयरबेस के एयरफोर्स एकेडमी पहुंचे एयर चीफ

एयर चीफ मार्शल सिंह, ग्रीस की लड़ाकू इकाइयों के अलावा डेकलिया एयर बेस स्थित हेलेनिक वायुसेना अकादमी का भी दौरा किया. इस दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच आपसी प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और संयुक्त सैन्य योजनाओं पर विस्तार से बातचीत की गई. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का यह दौरा रक्षा साझेदारी और भारत की वैश्विक सैन्य कूटनीति को भी सशक्त बनाएगा. 

भारत के लिए क्यों अहम है ग्रीस, तुर्किए से है छत्तीस का आंकड़ा

दरअसल भूमध्य सागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं, ऐसे समय में भारत और ग्रीस का सैन्य सहयोग दोनों देशों की सामरिक तैयारियों को मजबूती देगा. 

पिछले कुछ वर्षों में इसी सामरिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और ग्रीस साथ-साथ आए हैं. पिछले साल ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने भी भारत का दौरा (20-24 फरवरी) किया था. उनका दौरा महज प्राचीन भारत और यूनान (आधुनिक ग्रीस) के संबंधों को एक बार फिर से जीवित करने तक सीमित नहीं था बल्कि इसके कई सामरिक मायने थे. 

दरअसल, ग्रीस का तुर्की  (तुर्किए) के साथ छत्तीस का आंकड़ा है. दोनों देशों का भूमध्य-सागर और एजियन सी में पिछले कई दशक से विवाद चल रहा है. साइप्रस को लेकर भी दोनों देशों में लंबी अदावत है. तुर्की के खिलाफ ग्रीस को वैश्विक समर्थन चाहिए. ऐसे में ‘वर्ल्ड-लीडर’ यानी विश्वगुरु भारत से महत्वपूर्ण देश कोई नहीं हो सकता है. 

भारत इसलिए, क्योंकि ये वही तुर्की है जो कश्मीर के मुद्दे पर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान का साथ देना कभी नहीं भूलता. पहलगाम नरसंहार के बाद तुर्किए के राष्ट्रपति, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के साथ खूब हंस रहे थे, वहीं भारत के खिलाफ उस दौरान एर्दोगन ने हथियार भी भेजे थे. वो दूसरी बात थी कि तुर्किए के सारे के सारे ड्रोन भारत के सामने फेल हुए. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के ड्रोन को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मात दे थी थी.    

अब भारत ने तुर्किए की घेराबंदी शुरु कर दी है, हाल ही में पीेएम मोदी तुर्किए के दुश्मन देश साइप्रस पहुंचे थे और अब भारत के एयरफोर्स चीफ ग्रीस के दौरे पर हैं.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.