दुनिया के सबसे बड़े एयर-स्पेस में होने जा रही अमेरिकी मल्टीनेशनल एक्सरसाइज ‘रेड फ्लैग 24’ में हिस्सा लेने के लिए भारतीय वायुसेना के रफाल (राफेल) फाइटर जेट और एयर-क्रू अलास्का पहुंच गया है. करीब 77 हजार वर्ग मील के एरिया में होने वाली रेड-फ्लैग एक्सरसाइज (30 मई-14 जून) में भारतीय वायुसेना के आठ (08) रफाल लड़ाकू विमान, एक सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एक आईएल-78 (रुसी) एयर-रिफ्यूलर हिस्सा ले रहे हैं.
भारतीय वायुसेना ने बताया कि आईएएफ (इंडियन एयरफोर्स) का दल यूएस एयरफोर्स के अलास्का (अमेरिका) स्थित इलसन बेस पहुंच गया है. वायुसेना के मुताबिक, एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए रफाल फाइटर जेट ने आईएल-78 और सी-17 की मदद से ‘ट्रांसअटलांटिक फ्लाइट’ ली है. इस दौरान ग्रीस और पुर्तगाल में वायुसेना के एयरक्राफ्ट और वायु-सैनिकों के दल ने हॉल्ट भी किया.
एयर-क्रू को ‘डिप्लोमेट इन फ्लाइट सूट्स’ बताते हुए वायुसेना ने बताया कि दो हफ्तों तक चलने वाली इस एरियल कॉम्बैट ट्रेनिंग एक्सरसाइज का उद्देश्य वायुसैनिकों को मल्टीनेशनल वातावरण में इंटीग्रेट करना है (https://x.com/IAF_MCC/status/1796062909447242131).
रेड-फ्लैग (अलास्का) एक्सरसाइज को अमेरिका की पैसिफिक एयर-फोर्स संचालित करती है जो ज्वाइंट पैसिफिक अलास्का रेंज में आयोजित की जाती है. वर्ष 1975 से अमेरिका अपने मित्र-देशों के साथ ये एक्सरसाइज करता आया है. इस साल इस एक्सरसाइज में अमेरिका और भारत के साथ कुल चार देशों की वायुसेनाएं हिस्सा ले रही हैं. भारतीय वायुसेना ने पहली बार वर्ष 2008 में इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था.
पैसिफिक एयर फोर्स ने एक बयान जारी कर बताया कि इस साल रेड फ्लैग में चार देशों की वायु-सेनाओं के कुल 100 एयरक्राफ्ट और 3100 वायुसैनिक हिस्सा ले रहे हैं. एक्सरसाइज को अलास्का के दो एयरबेस, ईलसन और ज्वाइंट बेस इलमेंर्डोफ-रिचर्डसन से ऑपरेट किया जाएगा. एक्सरसाइज के जरिए “सिम्युलेटेड कॉम्बेट वातावरण में ज्वाइंट कम्बाइंड फोर्सेज को रियल-ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी ताकि एक-दूसरे की टेक्टिक्स, तकनीक और रणनीति का आदान-प्रदान करते हुए इंटरऑपरेबिलिटी को सुधारा जा सके.”