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यूक्रेन युद्ध में किनारे नहीं बैठ सकता भारत: Greece

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत ‘किनारे पर नहीं बैठ सकता है’. क्योंकि इस युद्ध में भारत की बेहद अहम भूमिका है. ये मानना है ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस का जो इनदिनों राजधानी दिल्ली की यात्रा पर हैं. 

विदेश मंत्रालय और ओआरएफ द्वारा आयोजित वार्षिक रायसीना डायलॉग के उद्घाटन संबोधन में ग्रीस (हेलिनिक) के पीएम ने कहा कि भारत, वसुधैव कुटुंबकम की नीति को मानता है. ऐसे में रुस-यूक्रेन युद्ध को भारत जैसे देशों को “यूरोप के युद्ध” के तौर पर नहीं देखना चाहिए. मिस्तोताकिस ने कहा कि कुछ देश (भारत) आरोप लगाता हैं कि “ग्लोबल-साऊथ को लेकर यूरोप के डबल-स्टैंडर्ड हैं.” लेकिन भारत एक ‘ग्रेट-पावर’ है और आज की कॉन्फ्लिक्ट से भरी दुनिया में ‘कॉनसेन्स बिल्डर’ है जो शांति और सुरक्षा के लिए बेहद जरुरी है. उन्होंने कहा कि भारत आज जी-20 में एक उभरती ताकत और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है. 

ग्रीस के प्रधानमंत्री जब रायसीना डायलॉग में बोल रहे थे, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोवाल भी हॉल में मौजूद थे. मित्सोताकिस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध का असर आज पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. इस साल रायसीना डायलॉग का थीम है चतुरांग यानी कॉन्फ्लिक्ट (संघर्ष), कॉन्टेस्ट (प्रतिस्पर्धा), को-ऑपरेट (सहयोग) और क्रिएट (निर्माण).

दुनिया की सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश (ग्रीस) और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) के संबंधों पर बोलते हुए मित्सोताकिस ने कहा कि दोनों देश ‘स्ट्रेटेजिक पार्टनर’ हैं और ये (सामरिक-रिश्ते) यूरोपीय संघ से भी हैं. ग्रीस को भारत के ‘प्राकृतिक दरवाजे’ को बताते हुए मिस्तोताकिस ने कहा कि ग्रीस संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी करता है. 

इससे पहले पीएम मित्सोताकिस और प्रधानमंत्री मोदी ने साझा प्रेस ब्रीफिंग की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस और सिक्योरिटी में बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है. इस क्षेत्र में वर्किंग-ग्रुप के गठन से हम डिफेंस, साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेररिज्म, मेरिटाइम सिक्योरिटी जैसी साझा चुनौतियों पर आपसी समन्वय बढ़ा सकेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में रक्षा क्षेत्र में साझा निर्माण के नए अवसर बन रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभदायक हो सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को आपस में जोड़ने पर सहमति जताई हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और ग्रीस की चिंताएं और प्राथमिकताएं समान हैं. हमने इस क्षेत्र में अपने सहयोग को और अधिक मज़बूत करने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

भारत और ग्रीस (यूनान) का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “दो प्राचीन और महान सभ्यताओं के रूप में दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और पीपुल टू पीपुल संबंधों का लम्बा इतिहास है. लगभग ढाई हज़ार वर्षों से दोनों देशों के लोग व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ विचारों का भी आदान प्रदान करते रहे हैं.”

पीएम मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री मित्सोताकिस के साथ बैठक में कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई. दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि “सभी विवादों और तनावों का समाधान डायलॉग और डिप्लोमेसी के माध्यम से किया जाना चाहिए. हम इंडो-पैसिफिक में ग्रीस की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक भूमिका का स्वागत करते हैं. यह ख़ुशी का विषय है कि ग्रीस ने इंडो-पैसिफिक ओसियन इनीशियेटिव से जुड़ने का निर्णय लिया है. पूर्वी भूमध्य-सागर क्षेत्र में भी सहयोग के लिए सहमति बनी है.”

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