भारत और रूस की मित्रता को एक बार फिर से मॉस्को ने अटूट बताते हुए वेस्ट पर वार किया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी दबाव के बावजूद नई दिल्ली के मॉस्को से संबंध को प्राथमिकता दिए जाने की सराहना की है.
रूस की ओर से ताजा बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका, जी 7 और ईयू देशों पर दबाव बना रहा है कि भारत पर टैरिफ लगाया जाए, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदता है. रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाकर अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है लेकिन जब भारत झुका नहीं, तो अमेरिका जी 7 को आगे कर रहा है.
मॉस्को की ओर से ताजा बयान में कहा गया है कि मॉस्को भारत-रूस की साझेदारी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है. दोनों देशों के संबंध विश्वसनीय, पूर्वानुमानित और रणनीतिक प्रकृति के हैं. वेस्ट अपनी साजिश में नाकाम होगा.
भारत ने दिखाया साहस, धमकियों के बावजूद रूस को दी अहमियत: रूसी विदेश मंत्रालय
रूसी विदेश मंत्रालय ने भारत की तारीफ करते हुए कहा है कि “नई दिल्ली ने मॉस्को के साथ सहयोग जारी रखने और संबंध तोड़ने के दबाव को ठुकराने का साहस दिखाया है. पश्चिमी दबाव और धमकियों के बावजूद भारत रूस के साथ बहुआयामी सहयोग को जारी रखने और विस्तार देने का संकल्प दिखा रहा है.”
रूसी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, “ईमानदारी से कहें तो इससे कुछ और की कल्पना करना मुश्किल है. रूस-भारत संबंध स्थिर और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं.”
मॉस्को-नई दिल्ली की दोस्ती में बाधा डालने वाले देश विफल होंगे- रूसी विदेश मंत्रालय
रूस के विदेश मंत्रालय ने वेस्ट देशों पर करारा वार किया है. रूस के साथ तेल खरीदने पर भारत को कटघरे में खड़ा करने और टैरिफ-जुर्माने के नाम पर धमकाने पर वेस्ट देशों पर रूस भड़क गया है.
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “भारत-रूस में गहरी दोस्ती है, इसमें बाधा डालने का कोई भी प्रयास असफल ही होगा. पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद नई दिल्ली का रूस के साथ संबंध बनाए रखना न केवल हमारी मित्रता की लंबे समय से चली आ रही भावना और परंपराओं को निभाया है, बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय मामलों में रणनीतिक स्वायत्तता का भी प्रतीक है.”
हमारे संबंध राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता पर आधारित: रूसी अधिकारी
मॉस्को ने कहा, “रूस और भारत के बीच साझेदारी संप्रभुता के सर्वोच्च मूल्य और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता पर आधारित हैं, यही कारण है कि ये संबंध विश्वसनीय हैं. दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जॉइंट प्रोजेक्ट में लगे हुए हैं. इनमें सैन्य उत्पादन, मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, परमाणु ऊर्जा और रूसी आयल एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट्स में भारतीय निवेश शामिल हैं.”
भारत-चीन पर लगा दो 100 प्रतिशत टैरिफ, ट्रंप ने जी 7, ईयू से कहा
रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, लेकिन अब अमेरिका, जी 7 देशों पर भी दबाव बना रहा है कि वे रूस से तेल खरीदने के लिए भारत के सामान पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएं. अमेरिकी अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि जी7, देश भारत और चीन से रूसी तेल खरीद पर 50 से 100 प्रतिशत तक भारी टैरिफ लगाएं.
अमेरिकी ट्रेजरी के प्रवक्ता ने हाल ही में कहा, “चीन और भारत द्वारा खरीदा गया रूसी तेल, पुतिन की युद्ध मशीन को चला रहा है और यूक्रेनी लोगों की हत्या को लंबा खींच रहा है. युद्ध खत्म होते ही टैरिफ हटा दिए जाएंगे.”
हालांकि ईयू और जी 7 देश दोनों ही अमेरिका के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं. आपको बता दें कि कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और संयुक्त राज्य अमेरिका, जी 7 देशों में शामिल हैं. इस साल जी 7 की अध्यक्षता कनाडा के पास है.