हिंद महासागर में मालदीव के साथ मिलकर चीन की चालबाजी को नेस्तनाबूद करने के लिए भारत ने रच दिया है चक्रव्यूह. मालदीव से 1100 किलोमीटर दूर आइलैंड में ‘छोटे भारत’ के साथ मिलकर भारत बना रहा है सैन्य बेस. आप चौंक गए होंगे तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मॉरीशस को बताया है ‘छोटा भारत’.
चीन-मालदीव को मात देने के लिए भारत और मॉरीशस मिलकर सैन्य बेस बना रहे हैं. ये बेस मॉरीशस के मुख्य आइलैंड से 1100 किलोमीटर दूर और मालदीव, सेशेल्स, अमेरिका के कंट्रोल वाले डिएगो गार्सिया के केंद्र में है. जो सैन्य रणनीति के हिसाब से बेहद अहम लोकेशन है. सैन्य बेस से भारत-मॉरीशस मिलकर पश्चिमी हिंद महासागर में चीन के सैन्य जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रख सकेंगे.
मॉरीशस में मुख्य अतिथि बनीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मॉरीशस और भारत के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मॉरीशस में हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू. 12 मार्च यानी मंगलवार को मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस समारोह मनाया जाता है. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हैं भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में भाग लेने वाली छठी राष्ट्रपति हैं. राष्ट्रपति मुर्मू मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रोपुन और प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय क्षमता निर्माण सहयोग को मजबूत करेंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मॉरीशस यात्रा के दौरान द्रौपदी मुर्मू कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगी, जो मॉरीशस के साथ भारत की जीवंत विकास साझेदारी के बढ़ते विस्तार और बहुमुखी प्रकृति को प्रदर्शित करेगा. भारत और मॉरीशस के बीच राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए थे. इंडियन फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन के दो जहाज आईएनएस तीर और सीजीएस सारथी भी 12 मार्च को मॉरीशस में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे
भारत-मॉरीशस की जोड़ी रखेगी चीन की निगरानी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सागर प्रोजेक्ट के तहत मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में 3 किमी के रनवे और सेंट जेम्स जेट्टी सहित 6 प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है. मुंबई से तकरीबन 3,729 किमी दूर मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर सैन्य बेस के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया है, इसमें रनवे, जेट्टी, विमान के लिए हैंगर शामिल हैं. अगालेगा द्वीप से से भारत-मॉरीशस मिलकर पश्चिमी हिंद महासागर में चीन के सैन्य जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रख सकेंगे.
16 देशों के साथ आईएनएस तीर का सेशेल्स में युद्धाभ्यास नेवी के प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1 टीएस) के प्रमुख जहाज आईएनएस तीर ने 26 फरवरी से 8 मार्च तक पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स में आयोजित अभ्यास कटलैस एक्सप्रेस- 24 (सीई-24) में भाग लिया है. अभ्यास का उद्घाटन सेशेल्स के राष्ट्रपति की उपस्थिति में किया गया था. भारत, अमेरिका और अफ्रीकी देशों के गणमान्य व्यक्ति कटलैस एक्सप्रेस के उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे. भारतीय नौसेना 16 मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री अंतर्विरोध संचालन, विज़िट बोर्ड खोज और जब्ती प्रक्रियाओं और गोताखोरी संचालन के सैद्धांतिक और व्यवहारिक पहलुओं पर प्रशिक्षण लिया. जहाज की मेजबानी अमेरिका की नौसेना की छठी फ्लीट के रियर एडमिरल कैल्विन एम. फोस्टर ने की. उन्होंने समुद्री सहयोग और क्षेत्र में साझा प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर बल दिया और भारतीय नौसेना द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की.
अमेरिका-भारत का संयुक्त गोताखोरी ऑपरेशन अभ्यास के समुद्री चरण में जहाज की वीबीएसएस टीम सेशेल्स तटरक्षक जहाज एलई विजिलेंट पर चढ़ी और बोर्डिंग संचालन प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया. भारतीय गोताखोरों ने अमेरिका और सेशेल्स के गोताखोरों के साथ संयुक्त गोताखोरी ऑपरेशन चलाया,इससे पहले आईएनएस तीर ने एक मार्च से तीन मार्च तक सेशेल्स तटरक्षक के साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी की थी.इस दौरान सेशेल्स के नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास भी किया गया था.