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भारत के उस देश से सामरिक संबंध, जहां हमास और तालिबान भरते हैं पानी

जिस देश की दहलीज पर आतंकी संगठन हमास और तालिबान तक नतमस्तक होते हैं, उस खाड़ी के देश कतर के साथ भारत ने द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक स्तर पर पहुंचा दिया है. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के राजधानी दिल्ली के दो दिवसीय (17-18 फरवरी) दौरे के बाद जारी किए साझा बयान में इस बात की घोषणा की गई है.

कतर की गिरफ्त में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी की रिहाई को लेकर हालांकि,  साझा बयान में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

सोमवार को दिल्ली पहुंचे कतर के अमीर शेख का एयरपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया था.

2030 तक दोगुना हो जाएगा द्विपक्षीय व्यापार

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में अमीर का स्वागत किया गया. साथ ही अमीर के लिए राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन भी किया गया. दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमीर की और दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए जिनमें विदेशी निवेश और गैस की खरीद शामिल था.

भारत को एलएनजी और पीएनजी गैस का करीब 48 प्रतिशत कतर से सप्लाई होता है. इस दौरे के दौरान कतर ने भारत में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है. ये निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, फूड सिक्योरिटी, लॉजिस्टिक, हॉस्पिटलिटी इत्यादि शामिल है.

पीएम मोदी और अमीर की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने एक साझा बयान जारी किया, जिसमें वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की बात कही गई है.  भारत ने कतर के नागरिकों के लिए ई-वीजा देने की घोषणा की है. (https://x.com/narendramodi/status/1891864391840055718)

कतर के कब्जे में भारतीय नौसैनिक, जासूसी मामले में फंसा पेंच

कतर और भारत के द्विपक्षीय रिश्तों की बदौलत ही कतर ने पिछले साल जेल में बंद भारत के 7 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. कतर से छूटे नौसैनिकों की रिहाई भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी गई, क्योंकि सभी को फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन भारत ने न सिर्फ फांसी की सजा माफ करवाई बल्कि 8 में से 7 पूर्व नौसैनिकों को सुरक्षित भारत में वापसी भी हुई.

लेकिन अभी भी एक पूर्व नौसैनिक पूर्णेंदु तिवारी कतर के कब्जे में हैं. पूर्णेंदु पर जासूसी समेत कई गंभीर आरोप हैं. हाल ही में खुलासा हुआ था कि पूर्णेंदु तिवारी ने कतर में भारतीय राजदूत, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी समेत कई भारतीय अधिकारियों को पत्र लिखकर टॉर्चर की कहानी सुनाई है.

पत्र में पूर्व नौसेना कमांडर ने बताया है, कि कतर के अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया  कि कैसे जासूसी के झूठे आरोप के बाद उन पर बाद में एक और अपराध का आरोप लगाया गया. पूर्णेंदु तिवारी ने ये चिट्ठी पिछले साल दिसंबर के महीने में ही लिखी है.

कतर एजेंसी के कब्जे में आए पूर्व नौसेना कमांडर तिवारी को राष्ट्रपति से एनआरआई अवार्ड मिल चुका है और भारतीय नौसेना और वाणिज्यिक क्षेत्र में 44 वर्षों का अनुभव है.

माना जा रहा था कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत, कतर के सामने अपने पूर्व नौसैनिक की रिहाई का मुद्दा उठा सकते हैं. परिवार और पूर्व नौसैनिकों को उम्मीद है कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद कतर के अमीर पूर्णेंदु को भी क्षमादान दे सकते हैं और पूर्णेंदु एक बार फिर अपने परिवार के साथ होंगे.

हालांकि, साझा बयान में कमांडर तिवारी की रिहाई को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. (https://x.com/narendramodi/status/1891864080169959673)

इजरायल-हमास का युद्धविराम हुआ कतर की राजधानी दोहा में

हाल ही मे इजरायल और हमास का युद्धविराम कतर की राजधानी दोहा में हुआ था. क्योंकि आतंकी संगठन हमास का राजनीतिक नेतृत्व अमूमन दोहा में रहता है.

वर्ष 2021 में तालिबान और अमेरिका के बीच शांति समझौता भी कतर में हुआ था. क्योंकि तालिबान की टॉप लीडरशिप भी युद्ध के दौरान कतर में ही रहती थी.

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