भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर पॉजिटिव और फॉरवर्ड-लुकिंग वार्ता हुई है. व्यापार सौदे पर चर्चा करने के लिए बुधवार को यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ब्रैंडन लिंच राजधानी दिल्ली में थे.
लिंच, भारत-यूएस द्विपक्षीय व्यापार समझौता के प्रमुख वार्ताकार भी हैं. लिंच ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ करीब सात घंटे तक वार्ता की. भारत की तरफ से कॉमर्स डिपार्टमेंट के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया.
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में ट्रंप को श्रेय न देने से भन्नाया था अमेरिका, जड़ दिया था 50 प्रतिशत टैरिफ
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ युद्धविराम में यूएस की भूमिका को नकारने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बौखलाकर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ थोप दिया है. ट्रंप ने हालांकि, रूस से तेल और हथियार खरीदने का बहाना बनाकर इतनी बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया था.
भारत के अडियल रूख से ढीले पड़े ट्रंप के तेवर
भारत ने ट्रंप की खीझ को दरकिनार कर रूस से तेल और हथियार खरीदने जारी रखा. साथ ही ट्रंप को दो टूक कह दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं था. भारत ने पाकिस्तान के आग्रह पर ऑपरेशन सिंदूर रोका था. यानी ये एक द्विपक्षीय मुद्दा है. (अब पाकिस्तान ने दिखाया Trump को ठेंगा, भारत से युद्धविराम को बताया द्विपक्षीय मुद्दा)
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में ने केवल शिरकत की बल्कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन से हाथ भी मिलाया. साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की.
अमेरिका कम कर सकता है टैरिफ
पीएम मोदी के चीन दौरे से अमेरिका की अक्ल ठिकाने आई और भारत से टैरिफ को लेकर चर्चा शुरू कर दी. माना जा रहा है कि आने वाले समय में अमेरिका, टैरिफ की दर कम कर सकता है.
मंगलवार को दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों पर भी चर्चा की. वार्ता के बाद भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि “भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के स्थायी महत्व की स्वीकृति देते हुए, चर्चा सकारात्मक और आगे की ओर देख रही है, जिसमें व्यापार सौदे के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया.”
बयान के मुताबिक, बैठक में “आपसी लाभदायक व्यापार समझौते के शीघ्र निष्कर्ष के लिए प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया गया.”
दिल्ली स्थित यूएस दूतावास के प्रवक्ता ने भी एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए वार्ता को ‘सकारात्मक’ बताया.