भारत में रची गई थी बड़े हमलों की साजिश. भारत को दहलाने के लिए ‘लोन वुल्फ अटैक’ की प्लानिंग की गई थी. भारत के कई बड़े शहरों को आतंकी टारगेट करने वाले थे, लेकिन एजेंसियों और सुरक्षाबलों की सख्ती के चलते आतंकी अपनी साजिश में नाकाम हुए. ये खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र ने.
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की सनसनीखेज रिपोर्ट में दावा किया गया कि “आतंकी संगठन आईएसआईएल के आतंकी कई हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे.” आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) एक आतंकवादी समूह है, जो पश्चिमी देशों सहित भारत को कट्टर विरोधी मानता है. इस आतंकी संगठनको आईएस और दाएश भी कहा जाता है.
भारत में बड़े हमलों की प्लानिंग, सतर्कता के चलते टले हमले: यूएन
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया, “आतंकी समूह आईएसआईएल भारत में बड़े हमले को अंजाम देने में असमर्थ रहा, लेकिन उसके हैंडलर लोन वुल्फ के जरिये छोटे-मोटे हमलों को अंजाम देने की कोशिश करते रहे. इन हमलों के लिए आतंकियों को भारत में मौजूद समर्थकों से मदद पहुंचाई गई.”
यूएन की जारी 35वीं रिपोर्ट में कहा गया, “दाएश (आईएसआईएल) भारत में बड़े पैमाने पर हमले करने में असमर्थ रहा. हालांकि, इसके हैंडलर्स ने भारत स्थित समर्थकों के जरिए एकल हमले भड़काने की कोशिश की. दाएश समर्थक अल-जौहर मीडिया अपने प्रकाशन सेरात उल-हक के माध्यम से भारत विरोधी प्रचार कर रहा है.”
यूएन की चौंकाने वाली रिपोर्ट में क्या कहा गया?
यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आईएसआईएल (दाएश) भारत में बड़े पैमाने पर हमले करने में असमर्थ रहा, हालांकि, इसके आकाओं ने भारत स्थित समर्थकों के माध्यम से लोन हमले (एकल अटैक) को भड़काने की कोशिश की. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में लगभग दो दर्जन से अधिक आतंकवादी समूह सक्रिय हैं, तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का मानना है कि इस देश से उत्पन्न सुरक्षा खतरे से क्षेत्र और उसके बाहर अस्थिरता की स्थिति बनी रहेगी. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आईएसआईएल (दाएश) द्वारा उत्पन्न खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि दाएश द्वारा उत्पन्न खतरों के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.”
“भारतीय उपमहाद्वीप में बढ़ा टीटीपी, अफगान तालिबान और अल-कायदा”
रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारतीय उपमहाद्वीप में टीटीपी, अफगान तालिबान व अल-कायदा के बीच सहयोग बढ़ा है. ये तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान के बैनर तले हमले कर रहे हैं. आत्मघाती हमलावरों, लड़ाकों और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के कारण टीटीपी क्षेत्रीय खतरे में तब्दील हो सकता है और क्षेत्र में सक्रिय अन्य आतंकी समूहों के लिए एक छत्र संगठन बन सकता है.”
अंतर्राष्ट्रीय खतरा बना हुआ है आईएस: गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “अफगानिस्तान में स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस्लामिक स्टेट-खुरासान न केवल देश, बल्कि क्षेत्र और उससे आगे के लिए भी खतरा बना हुआ है. मैं सभी सदस्य देशों से आह्वान करता हूं कि वे एकजुट होकर अफगानिस्तान को फिर से अन्य देशों को प्रभावित करने वाली आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोकें.ये आतंकवादी समूह और सहयोगी संगठन बाहरी आतंकवाद-रोधी दबाव के कारण स्थिति को ध्यान में रखकर साजिशें रच रहे हैं.”