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भारतीय सेना पहुंच रही अलास्का, Tariff War के बीच अमेरिका से होगा साझा युद्धाभ्यास

टैरिफ विवाद और ऑपरेशन सिंदूर के युद्धविराम को लेकर हुई तनातनी के बीच भारत और अमेरिका की सेनाएं साझा युद्धाभ्यास करने जा रही हैं. दोनों देशों के बीच सालाना युद्ध-अभ्यास (यही नाम है युद्धाभ्यास का) का 21वां संस्करण है जो अलास्का में होने जा रहा है. 

जानकारी के मुताबिक, अलास्का में 1 सितंबर से होने जा रहा युद्धाभ्यास, अब तक का सबसे बड़ा संस्करण माना जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट के 400 सैनिक हिस्सा लेने जा रहे हैं, जो अब तक हुई मिलिट्री एक्सरसाइज में सबसे ज्यादा हैं. 

वर्ष 2004 से लगातार होता आ रहा युद्धाभ्यास, एक साल भारत में होता है और एक साल अमेरिका में. पिछले साल ये युद्धाभ्यास, राजस्थान में थार रेगिस्तान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया था. उससे पहले अलास्का में किया गया था. 

हाल के दिनों में ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई) के चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में खटास आ गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग, रोकने का श्रेय अमेरिका को जाता है. लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तानी डीजीएमओ के गिड़गिड़ाने के चलते ऑपरेशन रोक दिया गया है. ऐसे में ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर है और भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. 

भारत से संबंधों में उस वक्त बड़ी दरार आ गई जब ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को लंच के लिए न्योता दे डाला था. पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियों के बीच यूएस आर्मी का भारतीय सेना के साथ युद्धाभ्यास अहम माना जा रहा है.  

पिछले साल (सितंबर 2024 में) अमेरिका अपने आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम को मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा था. वर्ष 2022 तक अमेरिकी सेना जब भी भारत में युद्धाभ्यास के लिए आती थी तो अपने ‘स्ट्राइकर’ व्हीकल (आर्मर्ड पर्सनल कैरियर) के साथ ही आती थी. अमूमन, यूएस आर्मी की स्ट्राइकर ब्रिगेड ही भारतीय सेना के साथ साझा युद्धाभ्यास करती आई है. लेकिन पहली बार यूएस आर्मी अपने मोबाइल आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम के साथ भारत पहुंच रही है. क्योंकि वर्ष 2021 में भारत ने टैंक और तोप का इस्तेमाल भी अमेरिकी युद्धाभ्यास में किया था. 

हाल ही में पश्चिमी मीडिया ने टैरिफ वॉर कारण बताते हुए भारत पर अमेरिका से रक्षा सौदे रद्द करने की खबर प्रकाशित कर दी थी. साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा भी इसी महीने (अगस्त) में रद्द करने का दावा किया था. रक्षा मंत्रालय ने हालांकि, ऐसी किसी भी खबर को सरासर बेबुनियाद करार दिया था. 

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