क्या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पीओके को लेकर भविष्यवाणी सच होने जा रही है. ये सवाल इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीआईओ-जेके या पीओके) में सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट गया है. जगह-जगह धरना-प्रदर्शन, पुलिस से टकराव और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई हैं. साथ ही इन प्रदर्शनों में भारतीय तिरंगा भी दिखाई पड़ रहा है.
जानकारी के मुताबिक, पीओके में महंगाई के खिलाफ ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने 11 मई यानी शनिवार को राज्य (पीओके) की असेंबली (विधान सभा) के बाहर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था. कानून-व्यवस्था के मद्देनजर सरकार ने पीओके में धारा 144 लागू कर दी ताकि लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें. इसको लेकर शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और बड़ी संख्या में लोग राजधानी मुजफ्फराबाद, मीरपुर और ददियाल जैसे इलाकों में सड़कों पर उतर आए. भीड़ के हाथों में पीओके और भारत का राष्ट्रीय झंडा दिखाई पड़ा.
पुलिस और पाक रेंजर्स ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों छोड़े. गुस्साई भीड़ ने भी सुरक्षाबलों पर छतों से चढ़-चढ़कर पत्थरबाजी की और जमकर नारेबाजी भी की. पुलिसिया कार्रवाई की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं (https://x.com/neeraj_rajput/status/1788994971921465442).
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके को जबरदस्ती कब्जा करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. पाकिस्तान की आर्थिक हालात और दमनकारी नीतियों से आजिज होकर पीओके लोग खुद भारत में शामिल हो जाएंगे. राजनाथ सिंह ने कहा था कि जिस तरह धारा 370 हटने के बाद भारत के जम्मू कश्मीर में शांति, खुशहाली और विकास हुआ है उससे पीओके के लोग खुद बे खुद पाकिस्तान से अलग होने के लिए तैयार हो जाएंगे.
हालांकि, राजनाथ सिंह के बयान को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने तंज कसते हुए कहा था कि पाकिस्तान के पास भी परमाणु हथियार है. अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर पीओके को लेकर भारत ने कोई कार्रवाई की तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा. इस बयान पर भारत के रहने वालों लोगों ने अब्दुल्ला को जमकर कोसा था.
दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात अच्छे नहीं चल रहे हैं. पेट्रोल-डीजल और दूसरे जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. खाने-पीने की वस्तुएं तक चीन से आनन-फानन में आयात की जा रही हैं क्योंकि पाकिस्तान में इनकी भारी किल्लत हो गई है. आटे तक के लिए पाकिस्तान में दंगे-फसाद हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है. महंगाई के खिलाफ ही पीओके में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.