ऋषि सुनक के हारने से भारतीयों को ज्यादा निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इंग्लैंड के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने जिसे अपना विदेश सचिव (मंत्री) नियुक्त किया है वो भारत का मजबूत समर्थक रहा है. नाम है डेविड लैमी, जो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के ‘मित्र’ हैं.
ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन के कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बने हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालते ही स्टार्मर ने अपनी कैबिनेट का भी गठन कर दिया है. ब्रिटेन में ऋषि सुनक की विदाई से भारत के लोग आशंकित हैं कि आखिर भारत और ब्रिटेन में कैसे रिश्ते होंगे.
भारत के संबंधों के लिहाज से हालांकि, अच्छी खबर ये है कि नए पीएम कीर स्टार्मर की कैबिनेट में जिस नेता को विदेश मंत्री बनाया गया है, उसे भारत का मजबूत समर्थक माना जाता है. कीर स्टार्मर ने 51 साल के डेविड लैमी को विदेश मंत्री नियुक्त किया. डेविड लैमी खुद को एस जयशंकर का ‘मित्र’ बताते हैं. डेविड लैमी लेबर पार्टी के वो नेता हैं, जिन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि “अगर उनकी लेबर पार्टी 4 जुलाई को सत्ता में आती है तो वह नई दिल्ली का दौरा करेंगे.”
एस जयशंकर को अपना दोस्त बताते हैं डेविड लैमी
डेविड लैमी खुद को एस जयशंकर का दोस्त बताते रहे हैं. एस जयशंकर ने डेविड लैमी को ब्रिटेन का विदेश मंत्री बनने पर बधाई दी है. एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा है कि “डेविड लैमी को ब्रिटेन का विदेश मंत्री बनाए जाने पर बधाई. हमारी भागीदारी जारी रहने और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की आशा है.”
यूरोप और एशिया 2 अलग-अलग दुनिया नहीं हैं: डेविड लैमी
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा है कि “यूरोप और एशिया दो अलग-अलग दुनिया नहीं हैं इस चुनौतीपूर्ण माहौल में ब्रिटेन भारत के साथ सुरक्षा साझेदारी को बढ़ाने की कोशिश करेगा.” डेविड लैमी ने कहा है “विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के लिए मंत्री नियुक्त किया जाना मेरे जीवन का सम्मान है, दुनिया के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन हम ब्रिटेन की अपार ताकत के साथ उनका सामना करेंगे. हम अपनी सुरक्षा और समृद्धि के लिए ब्रिटेन को फिर से जोड़ेंगे.”
दिल्ली आने के लिए आतुर ब्रिटेन के विदेश मंत्री, भारत को बताया ‘महाशक्ति’, चीन रूस पर साधा निशाना
भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के पैरोकार और विदेश मंत्री जयशंकर को ‘मित्र’ बताने वाले लैमी ने हाल ही में लंदन में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ में कहा था, “यदि चुनावों में लेबर पार्टी सत्ता में आती है तो वह अपने कार्यकाल के पहले महीने के अंदर ही भारत का दौरा करना चाहते हैं.”
लैमी ने भारत को लेबर पार्टी के लिए एक ‘प्राथमिकता’ और एक आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक ‘महाशक्ति’ बताया था. व्यापक विदेश नीति के दृष्टिकोण से, लैमी ने भारत के साथ साझेदारी में काम करते हुए ‘स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र’ पर भी जोर दिया.
चीन पर इशारों में निशाना साधते हुए लैमी कहा था, “हम नियम-आधारित व्यवस्था के पक्ष में हैं और उनके खिलाफ हैं जो साम्राज्यवाद के एक नए रूप के साथ बलपूर्वक सीमाओं को फिर से बनाना चाहते हैं. जैसे कि यूरोप में पुतिन और एशिया में वो देश जो अपने पड़ोसियों पर अपनी इच्छा थोपना चाहते हैं और उन्हें स्वतंत्र विकल्प से वंचित करना चाहते हैं.”
अपने भाषणों में ‘टैगोर और दीपावली’ का किया था जिक्र
पिछले सप्ताह, लैमी ने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए दिवाली 2022 की समय सीमा खत्म होने को लेकर निशाना साधा था. लैमी ने कहा था “कई दिवाली बिना किसी व्यापार समझौते के गुजर गई और बहुत सारे व्यवसाय इंतजार में रह गए, मेरा भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को संदेश है कि लेबर पार्टी आगे बढ़ने के लिए तैयार है. आइये, मुक्त व्यापार समझौता करें और आगे बढ़ें.”
चुनाव प्रचार के दौरान लैमी ने कहा था, “लेबर पार्टी के सत्ता में आने के साथ, बोरिस जॉनसन द्वारा एशिया में रुडयार्ड किपलिंग की पुरानी कविता को सुनाने के दिन खत्म होने वाले हैं. अगर मैं भारत में कोई कविता सुनाऊंगा, तो वह टैगोर की होगी क्योंकि भारत जैसी महाशक्ति के साथ, सहयोग और सीखने के क्षेत्र असीमित हैं.”
लैमी के बयानों से साफ है कि भारत की जैसी गर्मजोशी ऋषि सुनक के साथ देखने को मिलती थी, वैसी ही गर्मजोशी लेबर पार्टी की सरकार के साथ भी देखने को मिलेगी. लेबर पार्टी भारत के साथ खराब इतिहास को भुलाकर नई शुरुआत करना चाहता है और माना जा रहा है कि जल्द ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए दिल्ली का दौरा कर सकते है.