सीरिया में चल रहे गृह युद्ध के बीच भारतीय सेना के लिए एक बुरी खबर है. विवादित गोलन हाइट्स में यूएन पीसकीपिंग फोर्स का हिस्सा भारतीय सेना की टुकड़ी के कमांडर ब्रिगेडियर अमिताभ झा की मेडिकल कारणों से मृत्यु हो गई है. थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने फोर्स कमांडर की मौत पर गहरा दुख जताया है.
भारतीय सेना के मुताबिक, ब्रिगेडियर झा गोलन हाइट्स में संयुक्त राष्ट्र की डिसएंगेजमेंट ऑब्जर्बर फोर्स (यूएनडीओएफ) में डिप्टी फोर्स कमांडर के पद पर तैनात थे. साथ ही ब्रिगेडियर यूएनडीओएफ में भारतीय सेना की टुकड़ी के एक्टिंग फोर्स कमांडर थे.
भारतीय सेना ने अपने संक्षिप्त बयान में मृत्यु का कारण साफ-साफ नहीं बताया है. सिर्फ इतनी जानकारी दी गई है कि ब्रिगेडियर झा की मेडिकल कारणों से जान गई है. भारतीय सेना ने दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़े रहने का भरोसा दिया है.
इजरायल, सीरिया और लेबनान की सीमा पर गोलन हाइट्स एक विवादित क्षेत्र है जहां संयुक्त राष्ट्र की ‘डिसएंगेजमेंट ऑबजर्बरफोर्स’ (यूएनडीओएफ) तैनात रहती है. भारतीय सेना की एक टुकड़ी इस यूएनडीओएफ का अहम हिस्सा है. पिछले साल तक ये एक बफर जोन था. (https://x.com/adgpi/status/1871459399861977210)
इसी महीने सीरिया में विद्रोही सगंठन एचटीएस द्वारा राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता को उखाड़ फेंकने के बाद इजरायल ने गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ ग्राउंड अटैक के दौरान भी इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ब्लू लाइन (बॉर्डर) पार कर ली थी, जिसका संयुक्त राष्ट्र ने विरोध किया था. (गोलान हाइट्स पर इजरायली कब्जा, इस्लामिक देश बिदके)
ब्रिगेडियर अमिताभ झा का कोई पहला मामला नहीं है जब भारतीय सेना से जुड़ा कोई सैनिक हताहत हआ है. सितंबर के महीने में गोलन हाइट्स में तैनात एक सैनिक को वायुसेना ने एयरलिफ्ट के जरिए स्वदेश पहुंचाया था. ये सैनिक एक दुर्घटना में घायल हो गया था.
मई के महीने में भारतीय सेना के एक रिटायर्ड कर्नल भी गाजा में वीरगति को प्राप्त हो गए थे. कर्नल वैभव काले (रिटायर) संयुक्त राष्ट्र के ऑबजर्बर के तौर पर राफा में एक अस्पताल का मुआयना करने जा रहे थे जब एक टैंक का गोला उनकी कार पर आकर गिर गया था.