By Himanshu Kumar
भारतीय नौसेना के पी-8आई टोही विमान ने यूरोप में अपनी पहली तैनाती के साथ ही इतिहास रच दिया है. भारतीय नौसेना का लॉन्ग रेंज मेरीटाइम रिकोनिसेंस विमान, फ्रांस की नौसेना के साथ सालाना ‘वरुण’ एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को फ्रांसीसी एयर बेस 125 इस्ट्रेस-ले ट्यूब पर पहुंचा. 60 साल बाद नौसेना का कोई विमान फ्रांस पहुंचा है.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण घटना भारत-फ्रांस सैन्य सहयोग में मील का पत्थर साबित होगी, जो ‘वरुण’ मेरीटाइम एक्सरसाइज के 22वें संस्करण के साथ मेल खाती है. ठीक 63 साल पहले भारतीय नौसेना के एलिज़े विमान ने आखिरी बार फ्रांस के हाइरेस एयरबेस से उड़ान भरी थी.
भारत और फ्रांस की नौसेना के बीच 1993 में शुरू में पहला युद्धाभ्यास हुआ था. वर्ष 2001 में इसे औपचारिक रूप तौर से ‘वरुण’ नाम दे दिया गया जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम कर रहा है. वार्षिक युद्धाभ्यास मेरीटाइम सहयोग, अंतर-संचालन और परिचालन तालमेल को बढ़ावा देने पर केंद्रित होता है.
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, इस साल का वरुण युद्धाभ्यास, भूमध्य सागर में क्रॉस-डेक संचालन, समुद्र में पुनःपूर्ति और दोनों नौसेनाओं के बीच सूचना साझा करने जैसी क्षमताओं को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1830481333816053919)
पी-8आई विमान की तैनाती के साथ ही भारतीय नौसेना का आईएनएस तबर युद्धपोत भी फ्रांस के टूलॉन में पहुंचा गया है. भारतीय नौसेना ने इस बात पर जोर दिया है कि यह तैनाती वैश्विक नौसेनाओं के साथ साझेदारी को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.