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नेवी की ‘मोदी’ जैकेट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

CNS Adm R Hari Kumar in traditional attire along with fellow naval commanders.

गुलामी की मानसिकता को दूर करने की दिशा में भारतीय नौसेना ने ऑफिसर्स-मेस में अब पारंपरिक कुर्ता-पजामा और ‘मोदी जैकेट’ पहनने की अनुमति दे दी है. खुद नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अपने टॉप कमांडर्स के साथ पारंपरिक वेशभूषा में अपनी तस्वीरें जारी की हैं. नौसेना के परिधान में बदलाव को लेकर बाकायदा इंडियन नेवी ने एक मेमोरेंडम जारी किया है जिसकी कॉपी टीएफए के पास मौजूद है. 

भारतीय नौसेना की यूनिफॉर्म में बदलाव को लेकर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. इंटरनेट कम्युनिटी इस परिधान को ‘स्वदेशी’ के तौर पर स्वागत कर रही है तो कुछ ने कहा कि एडमिरल “राजनीति में हाथ अपनाने की तैयारी कर रहे हैं.” कुछ राष्ट्रभक्त नागरिकों ने तो थलसेना को भी इसी तरह की पारंपरिक परिधान अपनाने की मांग की है. (https://x.com/INS_India_IN/status/1763903686705807762?s=20)

दरअसल, पिछले महीने भारतीय नौसेना ने सभी कमांड और यूनिट्स को कुर्ता-पजामा और पारंपरिक जैकेट को लेकर नई दिशा-निर्देश जारी किए थे. इन निर्देशों के अनुसार नेवी की ऑफिसर्स मेस में अब अधिकारी इन्फॉर्मल और कैजुअल ड्रेस के दौरान कुर्ता-पजामा के साथ बिना-बाजू की जैकेट और सैंडल पहन सकते हैं. क्योंकि भारत की सशस्त्र सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में अभी तक पारंपरिक परिधान और सैंडल पहनने की इजाजत नहीं थी. यहां तक कि ऑफ ड्यूटी भी सैन्य अधिकारी और जवानों को ऑफिसर्स मेस में पारंपरिक परिधान पहनने की अनुमति नहीं है. ऐसे में नौसेना ने आगे बढ़कर भारतीय वेशभूषा को अपनाने की पहल की है. 

नौसेना के मुताबिक, “पुरुष अधिकारी गहरे रंग का कुर्ता पहन सकते हैं जो गर्दन तक आता हो. कुर्ते की लंबे घुटनों तक आनी चाहिए. इसके अलावा कुर्त के स्लीव (बाजू) पर बटन या फिर कफ लगे होने चाहिए.” कुर्ते के साथ पजामे को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं. नेवी ने साफ कर दिया है कि कुर्ते-पजामे के साथ वेस्ट-कोट बिना बाजू की (‘मोदी’ स्टाइल) जैकेट पहनना जरूरी है. पारंपरिक परिधान के साथ जूते पहने जा सकते हैं या फिर बंद-सैंडल भी पहन सकते हैं. 

पुरुष अधिकारियों के साथ ही महिला नेवल ऑफिसर्स के लिए भी कुर्ता-चूड़ीदार और कुर्ता-प्लाजो पहनने की भी अनुमति दे दी गई है. 

यहां ये बताना जरूरी है कि ये परिधान ऑफिसर्स मेस में ऑफ ड्यूटी के लिए है. ये परिधान किसी भी तरह से भारतीय नौसेना की सफेद यूनिफॉर्म या फिर कॉम्बेट-ड्रेस की जगह नहीं लेने जा रही है. सशस्त्र सेनाओं में ऑफिसर्स मैस और दूसरे स्थानों में ऑफ ड्यूटी के लिए भी ऑफिसर्स के परिधान को लेकर ड्रेस कोड होता है. हालांकि, ये सभी ड्रेस-कोड ब्रिटिश राज के समय के है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश की सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ‘गुलामी की मानसिकता’ को खत्म कर स्वदेशी प्रतीक-चिन्ह और शब्दावली का इस्तेमाल शुरु कर दिया है. 

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