भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक बार फिर सोमालियाई समुद्री-लुटेरों के मंसूबों को नाकाम कर ईरान की एक फिशिंग बोट को सुरक्षित बचाया है. इस फिशिंग वैसल (छोटे जहाज) में 17 क्रू सदस्य सवार थे. ये घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में समुद्री-लुटेरों ने श्रीलंका की एक बोट को हाईजैक किया था.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, पूर्वी सोमालियाई समुद्री-तट पर एंटी पायरेसी ऑपरेशन में तैनात युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को ईरान की एक फिशिंग वैसेल, एफवी ईमान से मदद के लिए मैसेज प्राप्त हुआ था. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आईएनएस सुमित्रा ने तुरंत इस वैसल को इंटरसेप्ट कर लिया. नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, तयशुदा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत आईएनएस सुमित्रा ने समुद्री-लुटेरों को हाईजैक बोट को रिहा करने पर मजबूर कर दिया. समुद्री-दस्यु ने सभी क्रू-सदस्य को भी सकुशल छोड़ दिया.
रिहाई के बाद भारतीय नौसेना ने एफवी ईमान को सेनेटाइज किया और आगे के सफर के लिए जाने दिया. कमांडर मधवाल के मुताबिक, एंटी-पायरेसी और मेरीटाइम सिक्योरिटी मिशन के लिए तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत इस बात का परिचायक हैं कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत सभी समुद्री-जहाज और नाविकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
गौरतलब है कि जब से ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रेड सी (लाल सागर) में अमेरिका, इजरायल और उनके मित्र-देशों के जहाज को निशाना बनना शुरु किया है, सोमालियाई समुद्री-लुटेरे भी हॉर्न ऑफ अफ्रीका के आसपास बेहद सक्रिय हो गए हैं और आए दिन व्यापारिक जहाज, फिशिंग वैसल और ऑयल टैंकर को निशाना बना रहे हैं.
इसी महीने की 4 तारीख को भारतीय नौसेना ने एक बेहद ही सफल मेरीटाइम ऑपरेशन में लीला नॉरफोक नाम के एक समुद्री जहाज को सोमालियाई लुटेरों के चंगुल से छुड़ाया था. इस मिशन में भारतीय नौसेना के आईएनएस चेन्नई युद्धपोत और उस पर तैनात मार्कोस कमांडो ने पी8आई टोही विमान सहित एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की मदद ली थी. इससे पहले दिसंबर (2023) के महीने में एक सोमालियाई लुटेरे एक जहाज को अगवा कर सोमालिया ले गए थे. उस दौरान भी भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने अगवा हुए जहाज का पीछा किया था. लेकिन सोमालियाई समुद्री सीमा में दाखिल होने के बाद भारतीय युद्धपोत और टोही विमान पी8आई ने उसके खिलाफ ऑपरेशन नहीं किया था.
इसी हफ्ते सोमालियाई लुटेरों ने श्रीलंका के एक समुद्री ट्रॉलर को हाईजैक कर लिया है. उसे रिहा करने के लिए श्रीलंकाई सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी है.
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