इंडोनेशिया के साथ भारत के समुद्री-संबंध दिनों दिन प्रगाढ़ होते जा रहे हैं. इंडोनेशियाई राष्ट्रपति और नौसेना प्रमुख के इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के बाद अब भारतीय नौसेना, इंडोनेशिया के इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू (आईएफआर-2025) में हिस्सा ले रही है.
इंडोनेशिया के आईएफआर में हिस्सा लेने के लिए भारतीय नौसेना का आईएनएस शार्दुल युद्धपोत और लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई बाली पहुंच गए हैं.
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू, एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय नौसैनिक आयोजन है, जिसकी समीक्षा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी और इसमें विभिन्न देशों की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं.
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू के बाद, आईएनएस शार्दुल और पी8आई दोनों ही समुद्री अभ्यास कोमोडो में भाग लेंगे, जो एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य समुद्री सहभागिता व क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना है. (https://x.com/indiannavy/status/1891112379381166343)
ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है इंडोनेशिया
भारत दौरे के दौरान इंडोनेशियाई नौसेना प्रमुख एडमिरल मोहम्मद अली ने राजधानी दिल्ली स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) मुख्यालय का दौरा किया था.
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के दौरे के दौरान रक्षा एवं रणनीति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने पर विचारों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया गया था.
इंडोनेशिया भी फिलीपींस की तरह भारत के प्राइम स्ट्राइक वेपन ब्रह्मोस को खरीदने की डील लगभग पक्की करने जा रहा है. गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो ने कर्तव्य पथ पर खुद ब्रह्मोस मिसाइल को बेहद करीब से देखा था.
खास बात ये है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड के सीएमडी जयतीर्थ आर जोशी से मुलाकात की थी.
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो
भारत के सबसे करीबी समुद्री देशों में से एक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो के इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने से दोनों देशों के संबंधों में जबरदस्त गर्मजोशी देखने को मिली है.
जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे के लिए भारत अपने ही किसी राष्ट्रीय बैंक से लोन भी देने के लिए तैयार हो गया है. माना जा रहा है कि इंडोनेशिया के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का ये सौदा करीब 450 मिलियन डॉलर (करीब 3877 करोड़) का होने जा रहा है.
भारत का प्राइम स्ट्राइक वेपन
दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भारत ने रूस की मदद से देश में ही तैयार किया है. ब्रह्मोस भारत का प्राइम स्ट्राइक वैपेन है जिसे भारत की सबसे लंबी नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नामों को मिलाकर नाम दिया गया है.
माना जाता है कि दुनिया की कोई रडार और हथियार, मिसाइल सिस्टम उसे इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है यानी एक बार ब्रह्मोस को दाग दिया तो ब्रह्मास्त्र की तरह इसे कोई नहीं रोक सकता है और अपने लक्ष्य पर ही जाकर गिरती है और टारगेट को तबाह करके ही दम लेती है.
फिलीपींस ने खरीदी हैं ब्रह्मोस की तीन बैटरी
पिछले साल अप्रैल के महीने में भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन की तीन बैटरी निर्यात की थी. इस सौदे की कीमत करीब 2700 करोड़ की थी. फिलीपींस ने अपने समुद्री-तट पर इन ब्रह्मोस मिसाइल को तैनात किया है.
फिलीपींस की तरह इंडोनेशिया की भी है चीन से तनातनी
फिलीपींस की तरह ही इंडोनेशिया का भी साउथ चाइना सी को लेकर चीन से तनातनी चल रही है. ऐसे में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल का करार मायने रखता है. हालांकि, भारत और इंडोनेशिया ने आधिकारिक तौर से इस सौदे को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है.