Breaking News Classified Conflict India-Pakistan Reports

वो 25 मिनट, जब कांपा पाकिस्तान…सेना की महिला अफसरों की जुबानी निर्णायक प्रहार की कहानी

पाकिस्तान पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर की दुनिया भर में चर्चा हो रही है. वहीं एक और तस्वीर ने भारत की महिला शक्ति पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए बुधवार को जब विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी एक साथ आए, तो तस्वीर ने देश की महिला शक्ति को गर्व से भर दिया. विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने आईं थीं, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह.

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि “पाकिस्तान में किए गए इस ऑपरेशन में 25 मिनट लगे हैं, भारतीय सेना ने सिर्फ 25 मिनट के समय में 25 भारतीयों और 1 नेपाली नागरिक की मौत का बदला ले लिया. कर्नल सोफिया ने कहा, मैं बताना चाहती हूं कि हमले में सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है.” 

25 मिनट में आतंकी कैंप पर भारत ने किया ऑपरेशन सिंदूर

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, “7 मई की रात को 1.05 बजे भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पीओके में घुस कर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और ये ऑपरेशन करीब 25 मिनट तक चला, कर्नल सोफिया ने बताया कि कैसे भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैम्पों को तबाह किया.

कर्नल सोफिया ने बताया कि “भारतीय वायु सेना के करीब 25 मिनट तक पाकिस्तान की सीमा में रहे और इस दौरान उन्होंने आतंकवादियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. ये सभी वो ठिकाने थे जहां से भारत के खिलाफ कई आतंकी हमलों की साजिश रची गई थी और भविष्य में हमलों की योजना बनाई जा रही थी. आतंकियों के ट्रेनिंग दी जाती थी और भारत के खिलाफ तैयार किया जाता था.”

आतंकी हेडली और कसाब का ट्रेनिंग सेंटर ध्वस्त किया गया:कर्नल सोफिया कुरैशी

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में आतंकियों की नियुक्तियों से लेकर ट्रेनिंग देने वाले केंद्र को टारगेट किया गया, जहां से कई खूंखार आतंकी बाहर निकले हैं.  कर्नल सोफिया ने सिलसिलेवार ढंग से उन पाकिस्तानी कैंप का नाम लिया, जिसे भारतीय वायुसेना ने टारगेट किया था. कर्नल सोफिया कुरैशी के मुताबिक, “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद में स्थित सवाई नाला कैंप जो कि लश्कर का कैंप था, उसे तबाह किया गया जहां से पहलगाम समेत कई आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकियों ने ट्रेनिंग ली थी. ये कैंप एलओसी से 30 किमी दूर हैं. बहावलपुर में जैश का बिलाल टेरर कैंप और सियालकोट में हिजबुल का कैंप महमूना जोया ध्वस्त किया गया है. कर्नल सोफिया ने बताया उस ट्रेनिंग कैंप को भी ध्वस्त कर दिया गया है. जिसमें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली और अजमल आमिर कसाब ने ट्रेनिंग ली थी.”

इन टेरर कैंप को बनाया गया निशाना, जहां रची गई थी भारत विरोधी साजिश

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बनाए गए आतंकी कैंप को निशाना बनाया. कर्नल कुरैशी के मुताबिक, 

सवाई नाला कैंप जहां 20 अक्टूबर 2024 सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 पहलगाम के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी, उसे टारगेट किया गया.

सय्यदना बिलाल कैंप. मुजफ्फराबाद का वो कैंप है जो जैश के आतंकियों का है. इस कैंप में आतंकियों को हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग दी जाती थी. 

गुलपुर कैंप: कोटली में स्थित लश्कर का ये कैंप एलओसी से 30 किमी दूर था जो कि राजौरी और पुंछ में सक्रिया था. 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में और 9 जून 2024 को तीर्थयात्रियों के बस हमले में शामिल आतंकियों को यहीं पर ट्रेन किया गया था

बरनाला कैंप बिम्भर: ये एलओसी से 9 किमी दूर है और ये हथियार हैंडलिंग, आईईडी और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का केंद्र था

कोटली का अब्बास कैंप: ये एलओसी से 13 किमी दूर है. जहां 15 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा सकती थी. इसी कैंप में लश्कर के फिदायीन आतंकी तैयार किए जाते थे. 

सियालकोट का सरजल कैंप: ये सांबा और कठुआ के सामने इंटरनेशनल बॉर्डर से 6 किमी दूर है. मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 4 जवानों की हत्या करने वाले आतंकियों को यहीं ट्रेनिग मिली थी.

सियालकोट का महमूना जाया कैंप: ये इंटरनेशनल बॉर्डर से 12 से 18 किमी दूर था और हिजबुल मुजाहिद्दीन का काफी बड़ा कैंप था. ये कठुआ-जम्मू क्षेत्र में आतंक फैलाने का नियंत्रण केंद्र था. पठानकोट एयरबेस का हमला इसी कैंप में प्लान किया गया था.

मरकज तैयबा मुरीदके कैंप: ये कैंप इंटरनेशनल बॉर्डर से 18 से 25 किमी की दूरी पर है. 2008 में मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली यहां पर प्रशिक्षित हुए थे.

बहावलपुर का मरकज सुभान्नला कैंप: ये इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किमी दूर था और जैश का मुख्यालय था. यहां पर भर्ती, ट्रेनिंग का केंद्र था। शीर्ष आतंकी यहां पर आते रहते थे.

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दी पाकिस्तान को चेतावनी

कर्नल सोफिया कुरैशी के अलावा विंग कमांडर व्योमिका ने भारत के पराक्रम को दुनिया के सामने बताया. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफिंग देते हुए कहा कि “पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था. पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद मे लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया गया. आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था. आतंकियों की रीढ़ तोड़ने की कार्रवाई की गई. बरनाला कैंप भी ध्वस्त किया गया. सियालकोट में महमूना कैंप को भी नष्ट किया गया.” ब्रीफिंग के दौरान व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि, “अगर पाकिस्तान भविष्य में किसी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई करेगा तो भारतीय सेना उसका जवाब देने के लिए पूरा तरह तैयार है.” 

आपको बता दें कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह को मौजूदा वक्त की सबसे बेहतरीन विंग कमांडर में से एक है. जिनके पास लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का एक बेहतरीन अनुभव है. व्योमिका को चीता, चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ाने में एक्सपर्ट हैं.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी का खुलासा, देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की थी साजिश

रक्षा मंत्रालय के साथ हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि “पहलगाम में आतंकी हमले का ये तरीका जम्मू-कश्मीर और पूरे देश में दंगे भड़काने का प्रयास था. आतंकी संगठन टीआरएफ ने इसकी जिम्मेदारी ली है जो कि लश्कर से जुड़ा हुआ है. पहलगाम आतंकी हमले की जांच से आतंकियों के संबंध पाकिस्तान से उजागर हुए हैं. हमलावरों की पहचान की गई और उनकी जानकारी जुटाई गईं. हमले की रूपरेखा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है. पाकिस्तान आतंकियों के पनाहगार के रूप में पहचान बना चुका है.” पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर वैश्विक मंचों को गुमराह किया है. उदाहरण देते हुए विक्रम मिसरी ने बताया कि “साजिद मीर केस में पाकिस्तान ने आतंकी को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह जिंदा पाया गया.”

पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में था आक्रोश: विक्रम मिसरी

विदेश सचिव मे कहा, “पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश देखा गया. भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए गए. हालांकि, ये जरूरी था कि पहलगाम हमले के आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और आरोप लगाता रहा. भारत को खबर मिली कि ये आतंकी संगठन भारत को आगे और भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इन्हें रोकना और इससे निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया.

आज सुबह (बुधवार) भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है. भारत की कार्रवाई आतंकवाद के ढांचे को समाप्त करने के लिए की गई है. ये एक नपी तुली कार्रवाई है. यूएन ने भी पहलगाम आतंकी हमले के आरोपियों-दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की बात पर जोर दिया था.”

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *