फिलिस्तीन पर मंत्रिस्तरीय समित बैठक में भारतीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने आतंकवाद की निंदा करते हुए, फिलिस्तीन पर टू स्टेट समाधान पर भारत का पक्ष रखा. कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, गाजा में पीड़ितों को राहत सामग्री बिना बाधा मिलनी चाहिए और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जानी चाहिए.
भारत हमेशा से आतंकवाद का विरोधी: कीर्तिवर्धन सिंह
युगांडा में आयोजित मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक में फिलस्तीन मुद्दे पर भारत ने एक बार फिर संतुलित रुख अपनाया है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) की बैठक में कहा, “भारत हमेशा से आतंकवाद की निंदा करता आया है और नागरिकों के जीवन में फैले विनाश, पीड़ा और निराशा को खत्म करने का पक्षधर है. गाजा को भोजन, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं तक निर्बाध पहुंच मिलनी चाहिए. सभी बंधकों की तुरंत रिहाई और संघर्ष विराम तत्काल लागू होना चाहिए.”
दो राष्ट्र समाधान के पक्ष में है भारत: कीर्ति वर्धन सिंह
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, कि “भारत का फिलस्तीन पर ऐतिहासिक रुख रहा है. भारत उन शुरुआती देशों में से है जिन्होंने फिलस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी. हम फिलस्तीनी जनता के आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और संप्रभुता के अधिकारों की दोबारा पुष्टि करते हैं. भारत का अंतिम लक्ष्य दो-राष्ट्र समाधान है, जिसमें एक स्वतंत्र, संप्रभु और व्यवहार्य फिलस्तीन सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर इजरायल के साथ शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहे.”
मिस्र में ट्रंप से मिले थे कीर्तिवर्धन सिंह
इस सप्ताह की शुरुआत में मिस्र में आयोजित गाजा शांति सम्मेलन में शामिल हुए थे कीर्तिवर्धन सिंह. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया गया था. लेकिन समिट में पीएम मोदी शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने अपने विशेष दूत के तौर पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को भेजा था. मिस्र के शर्म अल शेख में आयोजित इस कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी और उन्हें गाजा शांति समझौते के सफल होने पर बधाई दी थी.