अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आशंका सच साबित हुई. दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हुए हवाई अटैक के 14 वें दिन ईरान ने इजरायल पर किया है बड़ा अटैक. ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ के नाम से बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरु करते हुए इजरायल की ओर ड्रोन और मिसाइलों की ताबड़तोड़ बौछार कर दी है, जिससे मिडिल ईस्ट क्षेत्र में बढ़े तनाव को और बढ़ा दिया है. ये पहली बार है कि ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला किया है.
ईरान ने आधी रात को इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए हैं. ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के हवाई हमले किए हैं इनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल शामिल हैं. ईरानी हमलों के बाद इजरायल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिया है. इजरायली सेना हाई-अलर्ट पर है तो कई शहरों में युद्ध का सायरन सुने जाने के बाद दहशत का माहौल है. ईरानी अटैक के बाद इजरायल ने सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए अपनी एयरस्पेस बंद कर दी है.
इजरायल के अपराधों की सजा: ईरान
13-14 अप्रैल की मिड नाइट ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस लॉन्च करते हुए इजरायल पर एक के बाद एक कई मिसाइलें दागीं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी के मुताबिक ईरान अगले कुछ घंटों में इजरायल पर और ज्यादा मिसाइल अटैक कर सकता है. इजरायल पर अंधाधुंध हमले कर रहे ईरान ने दो टूक कहा है कि “ये इजरायल लगातार किए जा रहे उसके अपराध की सजा है.” ये पहली बार है कि ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला किया है. इजरायल लगातार आरोप लगाता आया है कि ईरान खुलकर सामने से वार नहीं करता है बल्कि अपने प्रॉक्सी आतंकी संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के जरिए करता है.
हम और हमारे लोग बहुत मजबूत हैं: बेंजामिन नेतन्याहू
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव में युद्ध कैबिनेट की बैठक बुलाई. नेतन्याहू ने कहा, “हम ईरान के सीधे हमले की तैयारी कर रहे हैं. हम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं”. ईरान के ताजा हमलों पर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि “हमने देश के डिफेंस सिस्टम को काम पर लगा दिया है. हम किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, हमारी सेना बेहद मजबूत हैं, सबसे अहम ये है कि इजरायली लोग बहुत मजबूत हैं.” नेतन्याहू ने उन देशों का धन्यवाद दिया, जो इजरायल के साथ है. नेतन्याहू बोले- “इस संकट की घड़ी में हमारा साथ देने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित सभी देशों की सराहना करते हैं” इजरायल पर हुए अटैक को इजरायल सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने ‘गंभीर’ बताया है. हेगारी ने कहा- “यह एक गंभीर और खतरनाक स्थिति है”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुलाई आपात बैठक
इजरायल में आधी रात को ईरान की ओर से किए गए हमले से दुनिया में तनाव चरम पर पहुंच गया. ईरानी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक बुलाई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि “दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती.” यूएन महासचिव ने बयान जारी करते हुए कहा है कि “हमला तुरंत बंद होने चाहिए क्योंकि एक और युद्ध की त्रासदी झेलने की स्थिति में दुनिया इस वक़्त नहीं है. मैं ईरान द्वारा इजराइल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैं शत्रुताओं को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता हूं, न तो क्षेत्र और न ही दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त कर सकती है।”
अटैक के बाद घबराया ईरान, की शांति की अपील
इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल अटैक के बाद इजरायल को मिल रहे वैश्विक समर्थन से ईरान घबरा गया है. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर सफाई दी है. ईरान ने हमले को ‘राइट टू डिफेंस’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों का हवाला दिया है. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर शांति की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने एक बयान में कहा, “मामला खत्म समझा जा सकता है. अगर इजरायली शासन एक और गलती करता है तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी.” ईरान ने सैन्य कार्रवाई को दमिश्क में राजनयिक परिसर पर हुए हमले का जवाब बताया है. पत्र में ईरान ने लिखा कि “ईरान युद्ध नहीं चाहता लेकिन अगर इजरायल जवाबी हमले करता है तो आत्मरक्षा के लिए हम और भयंकर हमले करेंगे.”
इजरायल-ईरान की दुश्मनी चिंताजनक: भारत
भारत ने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध को लेकर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके दोनों देशों को संयम बरतते हुए कूटनीति का रास्ता अपनाने की गुजारिश की है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हम इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित हैं जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया. हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और डिप्लोमेसी के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं. भारत मौजूदा हालात पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. इस क्षेत्र में मौजूद हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं. यह बहुत अहम है कि हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं. यह बहुत अहम है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली हो.”
इजरायल को मिला अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों को साथ
ईरान के हमले के बाद अमेरिका इजरायल के समर्थन में आ गया है. अमेरिका के रक्षा मंत्री ने इजरायली समकक्ष योव गैलंट से बात की है और इजरायल के प्रति अमेरिका के समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एड्रिेएन वॉटसन ने बयाना में कहा कि “संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा का समर्थन करेगा.”
बाइडेन की तरह की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ईरान की निंदा की है. ईरान के हमले के बाद ब्रिटेन ने भी इजरायल की मदद के लिए रॉयल एयरफोर्स जेट और एयर रिफ्यूलिंग टैंकर भेजे हैं. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “ईरान से खतरों और मिडिल ईस्ट में तेजी से बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर इन हमलों को रोकने के लिए अपने साझेदारों के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठा रही है. हमने कई अतिरिक्त रॉयल एयरफोर्स जेट और एयर रिफ्यूलिंग टैंकर इजरायल की ओर भेजे हैं.”
इजरायल पर हमले के बाद अलग थलग पड़े ईरान ने उन देशों को चेतावनी दी है, जो इजरायल की मदद के लिए आगे आए हैं. ईरान के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि जो भी देश इजरायल द्वारा ईरान पर हमलों के लिए अपना हवाई क्षेत्र या क्षेत्र खोलेगा, उसे “तेहरान की कड़ी प्रतिक्रिया” मिलेगी. ईरान ने अमेरिका को भी इजरायल और उनके बीच ना पड़ने को कहा है. ईरान ने कहा है, “हम नहीं चाहते की अमेरिका का नुकसान हो.”
इजरायल-ईरान के बीच फंसा भारत
मिडिल ईस्ट में बढ़े तनाव को लेकर पूरी दुनिया में मची हलचल के बीच ईरान के कब्जे में हैं भारतीय. ईरान ने इजरायल से जुड़े एक जहाज को कब्जा कर लिया है. ओमान की खाड़ी में ईरानी कमांडोज़ ने ‘एमसीएस एरीज’ नाम के जहाज को उस वक्त हाईजैक कर लिया है जब जहाज मुंबई आ रहा था. हाईजैकिंग का वीडियो भी सामने आया है. जिसमें देखा गया कि कैसे ‘एमसीएस एरीज’ जहाज पर ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड उतरे और जहाज पर सवार सभी 25 लोगों को बंधक बना लिया. रिवॉल्यूशनरी गार्ड जहाज को ईरान की ओर ले गए हैं. भारत के लिए चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि जहाज पर मौजूद 25 लोगों में 17 भारतीय है. डिप्लोमैटिक माध्यम से भारत, ईरान के संपर्क में है.