अमेरिका के हमले के बाद ईरान अपने परममित्र पुतिन की चौखट पर पहुंच रहा है. सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच मुलाकात होगी. पुतिन के साथ मीटिंग से पहले अब्बास अराघची ने कहा, रूस और ईरान एक दूसरे के सलाह करते हैं, मैं ईरान-इजरायल के बीच हुए गंंभीर मुद्दे पर चर्चा करूंगा.
अमेरिका की एंट्री के बाद क्या रूस भी जंग में कूदेगा?
इस्तांबुल में इस्लामिक सहयोग संगठन(ओआईसी)शिखर सम्मेलन में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने खुलासा किया कि वो मॉस्को जाकर रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले हैं. माना जा रहा है कि ईरान, अमेरिका के खिलाफ राजनीतिक और सैन्य रणनीति में रूस का साथ ले सकता है.
हाल ही में इजरायली हमलों के बाद पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से फोन पर बातचीत की थी. इस दौरान दोनों देशों ने इजरायली हमलों को गलत बताते हुए ईरान का साथ दिया था. वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा था, कि पुतिन, इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
पुतिन जता चुके हैं मध्यस्थता की इच्छा, ट्रंप ने उड़ाया था मजाक
हाल ही में मिडिल ईस्ट में भड़के युद्ध पर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की थी. इस बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा था कि वो इजरायल-ईरान के बीच मध्यस्थता का काम कर सकते हैं, मिडिल ईस्ट में शांति के लिए भूमिका निभा सकते हैं.
लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन पर तंज कसते हुए मध्यस्थता की बात से इनकार कर दिया था. ट्रंप ने कहा था कि पुतिन पहले अपनी समस्या (यूक्रेन युद्ध) संभालें, बाद में दूसरे देश की ओर झांके.
शांतिदूत बनने वाले ने अमेरिका को एक नए युद्ध में झोंका, ईरान को कई देश देंगे परमाणु हथियार:दिमित्री मेदवेदेव
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पुतिन के खास दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक और युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया. मेदवेदव ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि “ट्रंप शांतिदूत बनकर आए थे, लेकिन उन्होंने अमेरिका को एक नए युद्ध में झोंक दिया है, कई देश हैं, जो अपने परमाणु हथियार ईरान को देने के लिए तैयार हैं.”
कूटनीति की भाषा नहीं समझता है अमेरिका:अब्बास अराघची
ईरान के विदेश मंत्री अराघची ने कहा कि “हम कूटनीतिक तरीके से मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इजरायली हमलों ने अड़ंगा डाल दिया. जिनेवा में यूरोपीय देशों के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत हो रही थी, लेकिन अमेरिका ने हमला करके इसे भी खत्म कर दिया. ईरान ने नहीं अमेरिका ने बातचीत खत्म की है और उन्होंने धोखा दिया है। उन्होंने साबित किया है कि वे कूटनीति की भाषा नहीं समझते और सिर्फ धमकी और ताकत की भाषा ही जानते हैं.”
पीएम मोदी और ईरान के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बात
रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के बीच इजरायल के साथ संघर्ष पर चर्चा हुई. बातचीत के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. हालिया तनावों पर गहरी चिंता व्यक्त की. तुरंत तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति को आगे बढ़ाने का आह्वान दोहराया, ताकि क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता शीघ्र बहाल हो सके. भारत हमेशा से यह मानता रहा है कि संवाद और कूटनीति ही किसी भी संकट का समाधान हैं.”