खालिस्तानी आतंकियों और भारत के मोस्टवांटेड लोगों को पनाह देने वाले कनाडा ने ईरान के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर’ (आईआरजीसी) को आतंकवादी गुट घोषित कर दिया है. साथ ही ईरान में रहने वाले सभी कनाडा के लोगों को ईरान छोड़ देने के लिए कहा है.
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि ओटावा ने कई साल पहले तेहरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे. ऐसे में मेलोनी ने कनाडा के नागरिकों से ईरान की यात्रा ना करने की अपील की है. साथ ही कहा है कि “जो लोग अभी ईरान में हैं, उनके लिए घर वापस जाने का समय आ गया है.”
ईरान का रिवोल्यूशनरी गार्ड्स आतंकवादी गुट: कनाडा
कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “हमारी सरकार ने क्रिमिनल कोड के तहत इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर को आतंकवादी समूह घोषित करने का फैसला लिया है.” मंत्री डोमिनिक लीब्लांक ने सरकार के फैसले का एलान करते हुए कहा कि “इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कृत्यों और सबूतों के आधार पर यह मानने के पर्याप्त कारण है कि ईरान की सेना आतंकी गतिविधियों में लिप्त है. वह जानबूझकर किसी के साथ मिलकर या किसी के निर्देश पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में आईआरजीसी को आतंकी संगठन घोषित किया जाता है.”
ईरान की सेना का हमास-हिजबुल्लाह से नाता: कनाडा
आईआरजीसी को आतंकी संगठन घोषित करने के बाद कनाडा के वित्तीय संस्थान जैसे बैंक और ब्रोकरेज फर्म आदि आईआरसीजी से जुड़ी संपत्ति को जब्त करेगा. साथ ही किसी भी व्यक्ति या संस्था का आईआरजीसी से कोई भी समझौता या संबंध अपराध माना जाएगा. कनाडा की सरकार कहा, “हम आईआरजीसी जैसे आतंकी संगठन से हर तरह से निपटेंगे. ईरान की सेना का आतंकी संगठनों हिजबुल्ला और हमास के साथ भी नाता है.”
कनाडा ने क्यों लिया ईरान की आईआरजीसी पर एक्शन?
दरअसल जनवरी 2020 में एक फ्लाइट पर आईआरजीसी ने अटैक किया था. तेहरान से उड़ान भरने के तुरंत बाद फ्लाइट PS752 को ईरान ने गिरा दिया था. इसमें 85 ईरानी प्रवासी कनाडाई नागरिकों और स्थायी निवासियों सहित सभी 176 यात्री और चालक दल मारे गए थे. पीड़ितों के परिवार लंबे समय से कनाडा सरकार पर मिलिशिया को आतंकवादी ऐलान करने का दबाव बना रहे थे.
अमेरिका ने 2019 में आईआरजीसी को आतंकवादी समूह घोषित किया था. अमेरिका के बाद कनाडा ने ये फैसला लिया है. कनाडा के विदेश मंत्री और कानून मंत्रियों ने ईरानी शासन पर आतंकवाद को समर्थन करने के साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों को अस्थिर करने की इच्छा रखने का आरोप लगाया है.