ईरान-इजरायल के बीच ताबड़तोड़ मिसाइल धमाके हो रहे हैं. तेहरान ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर पर अटैक का दावा किया है तो इजरायली सेना ने कहा है कि उन्होंने ईरान के नए आर्मी चीफ को मार दिया गिराया है. मिडिल ईस्ट में भड़की जंग के बाद हालात ये हैं कि ईरान के ऊपर नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है. जल्द से जल्द लोग तेहरान से निकलना चाहते हैं.
इजरायल ने खामेनेई के करीबी ईरान के नए आर्मी चीफ को मारा
आईडीएफ ने कहा है कि पांच दिनों में दूसरी बार ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ और शीर्ष सैन्य कमांडर मेजर जनरल अली शदमानी को मार गिराया है. आईडीएफ के अनुसार, शादमानी ईरान की सशस्त्र सेनाओं के इमरजेंसी कमांड और खातम अल-अनबिया मुख्यालय के कमांडर थे जो इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और ईरानी सेना दोनों का नेतृत्व करते थे. शादमानी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सबसे करीबी सैन्य सलाहकार थे.
इजरायल वॉर रूम ने ईरानी आर्मी ऑफ चीफ स्टाफ के मौत के बारे में जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, “तेहरान में रात भर चले हमले में, इजरायली लड़ाकू विमानों ने अली शादमानी को मार गिराया है जो ईरान के सशस्त्र बलों की इमरजेंसी कमान के प्रमुख और शासन में सबसे वरिष्ठ सैन्य व्यक्ति थे.”
13 जून को इजरायली सुरक्षा बलों को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के शुरुआती हमले में पूर्ववर्ती मेजर जनरल गोलाम अली राशिद की मौत के बाद शादमानी ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्ति गया गया था.
मोसाद हेडक्वार्टर पर ईरान का अटैक, ईरान ने शेयर किया वीडियो
जनरल शादमानी की मौत के बाद ईरान की सेना ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया है. इस हमले का वीडियो भी जारी किया गया है. ईरानी मीडिया ने एक वीडियो जारी करके दावा किया है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी पर हमले का वीडियो है. वीडियो में दो, तीन बिल्डिंग से हमले के बाद काला धुआं उठता दिखाई दे रहा है, जिसे मोसाद का हेडक्वार्टर बताया जा रहा है.
भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ बनने की कोशिश वाले ईरानी विदेश मंत्री खुद ढूंढ रहे मध्यस्थ
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता करने दौरे पर आए ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची अब खुद ही मध्यस्थ तलाश रहे हैं, जो जंग रोक सके.
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि “अमेरिका सिर्फ एक फोन कॉल से इस्लामी गणराज्य पर इजरायल के हमलों को रोक सकता है. यदि राष्ट्रपति ट्रंप कूटनीति के बारे में सच्चे हैं और इस युद्ध को रोकने में रुचि रखते हैं, तो अगले कदम परिणामकारी होंगे. इजरायल को अपनी आक्रामकता रोकनी चाहिए. नेतन्याहू जैसे किसी व्यक्ति को चुप कराने के लिए वाशिंगटन से एक फोन कॉल की जरूरत होती है. इससे कूटनीति की वापसी का रास्ता खुल सकता है.”