पाकिस्तान से सटे अति संवेदनशील जैसलमेर के डीआरडीओ के गेस्ट हाउस ने आईएसआई ने तैनात किया था अपना जासूस. डीआरडीओ गेस्ट हाउस का मैनेजर ही चंद पैसों के लिए डीआरडीओ पर नजर रख रहा था और जानकारियां पाकिस्तान से साझा कर रहा था. सुरक्षा एजेंसियों ने गेस्ट हाउस के मैनेजर महेंद्र प्रसाद को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ की जा रही है कि कौन-कौन सी जानकारियां लीक की थीं, और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्या भूमिका रही थी.
17 साल से डीआरडीओ, एयरफोर्स की कर रहा था जासूसी
डीआरडीओ गेस्ट हाउस में महेंद्र प्रसाद साल 2008 से पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज के डीआरडीओ गेस्ट हाउस में बतौर मैनेजर तैनात था. यह गेस्ट हाउस रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जहां नियमित रूप से भारतीय सेना, डीआरडीओ के वैज्ञानिक और बड़े रक्षा विशेषज्ञ ठहरते हैं. यहां नए हथियारों के परीक्षण, सामरिक अभ्यास और युद्धाभ्यासों से जुड़ी गतिविधियां होती हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आरोपी इन महत्वपूर्ण गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान को मोबाइल फोन के जरिए लीक कर रहा था.
बताया जा रहा है कि महेंद्र प्रसाद ने पोखरण फायरिंग रेंज, चांधन एयरफोर्स क्षेत्र, और अन्य गोपनीय रक्षा प्रतिष्ठानों संबंधित जानकारियां पाकिस्तान को मुहैया कराई हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीक्रेट सर्विलांस के बाद धरा गया गेस्ट हाउस मैनेजर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों जासूसों की धरपकड़ में जुटी हुई हैं. इन जगहों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. इसी कड़ी में चांधन डीआरडीओ गेस्ट हाउस पर भी निगरानी रखी जा रही थी.
एजेंसियों को मैनेजर महेंद्र प्रसाद के संदिग्ध आचरण, मोबाइल कॉल्स पर शक हुआ. उसे सर्विलांस पर लगाते ही एजेंसियों का शक, पुख्ता सबूत में बदल गया. मैनेजर संवेदनशील जानकारियों दुश्मन देश पाकिस्तान को साझा कर रहा था.
मोबाइल, चैट्स और डिजिटल सबूतों से पकड़ा गया महेंद्र प्रसाद
जासूस महेंद्र के पास से मिले चैट रिकॉर्ड्स और डिजिटल दस्तावेजों से ये बात पुख्ता हो गई है, कि वो पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को जानकारी दे रहा था.पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से संपर्क के पुख्ता प्रमाण मिले हैं. एजेंसियां इन चैट्स के इनक्रिप्शन, डिलीट की गई हिस्ट्री और फाइल ट्रांसफर डेटा की फॉरेंसिक जांच कर रही हैं.
आईबी, एमआई, जेआईसी की टीम कर रहीं मैनेजर से पूछताछ
इंटेलिजेंस ब्यूरो, मिलिट्री इंटेलिजेंस और ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी की टीमें महेंद्र प्रसाद से गहन पूछताछ कर रही हैं. एजेंसियों को इस बात का भी शक है कि महेंद्र प्रसाद किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है. महेंद्र से पूछताछ के बाद कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे.
डीआरडीओ भी हैरान, गेस्ट हाउस की हो रही स्कैनिंग
यह पहली बार नहीं है जब जैसलमेर से इस तरह की गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले भी रामगढ़, तनोट, पोकरण और अन्य क्षेत्रों से कई संदिग्ध पाक एजेंट पकड़े जा चुके हैं. लेकिन ये पहली बार है कि डीआरडीओ जैसे संस्थान, जो मिसाइलें, ड्रोन और हथियार बनाता हो उसके गेस्टहाउस में आईएसआई ने पहुंच बनाई हो.
इस घटना से डीआरडीओ और सेना के अधिकारी भी हैरान हैं. क्योंकि सैन्य अधिकारी हों या फिर वैज्ञानिक इसी गेस्ट हाउस में रुकते हैं. ऐसे में डीआरडीओ अब अपने सारे स्टाफ के साथ-साथ देश भर के गेस्ट हाउस की स्कैनिंग में जुट गई है. इस मामले के लेकर कई उच्चस्तरीय बैठक भी की गई है.