अमेरिका में डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस यानी डीएनआई की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने इस्लामिक विचारधारा को अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए खतरनाक बताया है. तुलसी गबार्ड ने बेबाकी से कहा है इस्लामिक विचारधारा कोई धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारधारा है, जिसका उद्देश्य शरीयत कानून के तहत विश्व में खिलाफत और विरोध स्थापित करना है.
तुलसी गबार्ड, अमेरिकी राष्ट्रपति की बेहद काबिल और करीबी अफसर मानी जाती हैं, जिनका जिम्मा खुफिया विभाग को मजबूत करना है. तुलसी गबार्ड मूल रूप से भारतीय हैं और कई मौकों पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा और पाकिस्तानी आतंक के खिलाफ मजबूती से आवाज़ उठा चुकी हैं.
इस्लामिक विचारधारा पर गबार्ड का प्रहार, जर्मनी-ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका का दिया उदाहरण
अमेरिका में कंजर्वेटिव सम्मेलन के दौरान इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने एक बार फिर इस्लामवादी विचारधारा को लेकर बड़ा बयान दिया है. तुलसी गबार्ड ने कहा, “इस्लामी विचारधारा से खतरे कई रूपों में सामने आते हैं.”
जर्मनी का उदाहरण देते हुए गबार्ड ने कहा, “जैसे-जैसे हम क्रिसमस के करीब आ रहा है, जर्मनी में इस खतरे के कारण क्रिसमस मार्केट्स को रद्द किया जा रहा. इस्लाम और इस्लामिक विचारधारा ना सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की आजादी, सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.”
“ऑस्ट्रेलिया में इस्लामिक कट्टरपंथियों की भारी घुसपैठ ने हालात के कारण बॉन्डी बीच पर आतंकी हमला हुआ. इस्लामिक विचारधारा यह कोई काल्पनिक या भविष्य की आशंका नहीं है, बल्कि अमेरिका के भीतर ही कई जगहों पर शरिया कानून और कट्टरपंथी पनपने लगे हैं, जो अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती हैं.”
अमेरिका के अंदर पनप रहा इस्लामिक कट्टरपंथ: तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड ने कहा, “अमेरिकी कानूनी और राजनीतिक व्यवस्थाओं का इस्तेमाल कर शरीयत कानून लागू करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया गया है और इसके संकेत ह्यूस्टन जैसी जगहों पर साफ दिखाई दे रहे हैं.”
“अमेरिका के कई शहरों में कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है. युवाओं को इस्लाम के नाम पर भड़काकर कट्टरपंथ की तरफ धकेला जा रहा. मिशिगन और मिनियापोलिस जैसे इलाकों में मौलवी खुलकर इस विचारधारा का बढ़ावा दे रहे हैं और युवाओं की भर्ती कर रहे हैं.”
तुलसी गबार्ड ने खुलासा किया कि “न्यू जर्सी के पैटरसन शहर खुद को ‘पहला मुस्लिम शहर’ कहने पर गर्व किया जाता है और स्थानीय सरकारों के भीतर ऐसे इस्लामी सिद्धांतों को लागू करने की कोशिशें हो रही हैं, जिन्हें कानूनों या हिंसा के जरिए लोगों पर थोपा जाता है और अगर उनके खिलाफ आवाज उठाई जाती है तो धमकी दी जाती है. सोशल मीडिया के जरिए भी धमकाया जाता है.”
अगर अमेरिका ने कदम नहीं उठाया तो यूरोप-ऑस्ट्रेलिया जैसी स्थिति होगी: गबार्ड
अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड ने इस्लाम की विचारधारा को अमेरिका की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुआ कहा, “अगर अमेरिका ने सही वक्त पर इस विचारधारा के खिलाफ कदम नहीं उठाए तो यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा.”
“अगर हम कार्रवाई नहीं करते हैं और उस विचारधारा को चुनौती नहीं देते हैं तो अमेरिका भी उन देशों की राह पर चला जाएगा, जहां अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध है.”
जर्मनी में 5 इस्लामिक कट्टरपंथी गिरफ्तार, करने वाले थे क्रिसमस पर बड़ा हमला
हाल ही में जर्मनी में 5 ऐसे युवाओं को गिरफ्तार किया गया है जो क्रिसमस पर जर्मनी की मार्केट में हमला करने वाले थे. जांच में पता चला कि गिरफ्तार लोगों का इरादा डिंगोल्फिंग-लैंडौ इलाके में एक भीड़भाड़ वाले बाजार में गाड़ी घुसाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने या घायल करने का था. जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बीच सुबेन बॉर्डर क्रॉसिंग पर पांचों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार लोगों में 22, 28 और 30 साल के तीन मोरक्कन नागरिक, 56 साल के एक मिस्र नागरिक और 37 साल के एक सीरियाई नागरिक था. पुलिस ने जांच में बताया कि सभी इस्लामिक कट्टरपंथी (आतंकी) थे.

