आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर हसन नसरल्लाह को ढेर करने के बाद इजरायल की डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने अब लेबनान में घुसकर ग्राउंड ऑपरेशन शुरु कर दिए हैं. इजरायल से सटे दक्षिणी लेबनान में आईडीएफ के टैंक और दूसरे आर्मर्ड व्हीकल्स को सीमावर्ती गांवों में देखा जा सकता है. साथ ही इजरायली पैरा-कमांडो भी आसमान से लेबनान में स्पेशल (लिमिटेड) मिलिट्री ऑपरेशन्स के लिए दाखिल हो चुके हैं.
आईडीएफ के मुताबिक, इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में ग्राउंड रेड के दौरान हिजबुल्लाह के इंफ्रास्ट्रक्चर और आतंकी टारगेट को तबाह करना शुरू कर दिया है.
आईडीएफ का आरोप है कि इजरायली सीमा से सटे गांव से हिजबुल्लाह के आतंकी उत्तरी इजरायल के रिहायशी इलाकों में 7 अक्टूबर जैसी घटना को दोहराना की फिराक में थे. ऐसे में इन गांवों से इजरायल को सीधे-सीधे खतरा था.
आईडीएफ के मुताबिक, ऑपरेशन नॉर्दन एरो के दौरान ग्राउंड फोर्सेज को इजरायली वायुसेना और आर्टिलरी का भी सपोर्ट मिल रहा है. आईडीएफ के मुताबिक, लेबनान में दाखिल होकर लोकल और लिमिटेड (सीमित) हमले का आदेश इजरायल के राजनीतिक लीडरशिप ने दिया है.
पिछले साल 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने उत्तरी इजरायल में घुसकर बड़ा हमला किया था जिसमें करीब 1200 लोगों का नरसंहार किया था. इसके अलावा हमास के आतंकी महिलाओं और बच्चों सहित करीब 200 लोगों का अपहरण कर अपने साथ ले गए थे.
पिछले एक साल में आईडीएफ और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (और शिन-बेट) ने बंधक बनाए लोगों की तलाश में दिन-रात एक कर रहा है. क्योंकि अभी भी करीब 100 बंधक हमास की कैद में हैं.
आईडीएफ के ऑपरेशन में लेबनान का हिजबुल्लाह भी टांग अड़ा रहा था. ऐसे में इजरायल ने पहले तो पेजर अटैक में हिजबुल्लाहके 39 आतंकी को ढेर कर दिया और करीह 3000 को बुरी तरह घायल कर दिया. नसरल्लाह को एयर-स्ट्राइक में मार गिराने के बाद आईडीएफ ने हिजबुल्लाह के समूल नाश के लिए लेबनान की सीमा में दाखिल हो गई है. (08 टन बारूद से हुआ नसरल्लाह ढेर, 30 मीटर गहरे गड्ढे में दफन)
पिछले 18 साल में पहली बार है कि इजरायली सेना बॉर्डर पार कर लेबनान में दाखिल हुई है. वर्ष 2006 में एक महीने तक इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच भयंकर युद्ध हुआ था. लेकिन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के दखल के बाद युद्ध-विराम हो गया था.
आईडीएफ ने लेबनान में ऐसे समय में ग्राउंड ऑपरेशन किया है जब सोमवार को ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को बड़ी धमकी दी थी और ऐलान किया था कि मिडिल-ईस्ट में ऐसी कोई जगह नहीं हैं जहां इजरायली सेना की पहुंच नहीं है. (इजरायल को जंग में मिला भारत का साथ, मोदी-नेतन्याहू की फोन कॉल)