गाजा में इजरायल के युद्धविराम को जीत की तरह देखने वाले पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने अब कश्मीर के खिलाफ प्रोपेगेंडा में हमास का साथ ले लिया है. 5 फरवरी यानी बुधवार को जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे भारत-विरोधी आतंकी संगठनों ने पीओके में हमास के एक बड़े नेता को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया है.
पिछले तीन-चार दशक से पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन 5 फरवरी को ‘कश्मीर सॉलिडैरिटी (एकजुटता) दिवस’ के तौर पर मनाते हैं. ये पहली बार है कि कोई हमास का नेता, कश्मीर से जुड़े किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीओके पहुंच रहा है.
पीओके के आतंकी जलसे में हमास की मौजूदगी
टीएफए को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट के शहीद शब्बीर स्टेडियम में जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडर कश्मीर और गाजा को लेकर एक साझा कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं.
रावलकोट, पीओके के पुंछ जिला का मुख्यालय है और भारत से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के बेहद करीब है.
रावलकोट को पाकिस्तानी आतंकियों का गढ़ माना जाता है. यही से पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकियों को एलओसी पार कराकर भारत की सीमा में घुसपैठ कराती है.
रावलकोट है लश्कर और जैश के आतंकियों का गढ़
पाकिस्तान से हुए युद्धविराम (फरवरी 2021) से पहले भारतीय सेना ने एलओसी पार कर रावलकोट सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकियों और उनकी मददगार पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कई ऑपरेशन किए थे.
आतंकी संगठनों के इस जलसे में जैश ए मोहम्मद के संस्थापक कमांडर मसूद अजहर का भाई तलहा सैफ, जैश का लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, रीजनल कमांडर मसूद इलियास शामिल हो रहे हैं. लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी कमांडर भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जिसे हमास के खास ‘अल अकसा फ्लड कॉन्फ्रेंस’ के नाम से आयोजित किया जा रहा है.
7 अक्टूबर 2023 को आतंकी सगंठन हमास ने जो इजरायल पर हमला बोला था, उसे अल-अक्सा फ्लड का नाम दिया गया था. इस हमले में हमास के आंतकियों ने 1200 लोगों का नरसंहार किया था और करीब 200 लोगों का अपहरण कर लिया था.
5 फरवरी को पाकिस्तान मनाता है ‘कश्मीर सॉलिडैरिटी दिवस‘
5 फरवरी का दिन जैश और लश्कर ने कश्मीर दिवस के तौर पर चुना है, ताकि एक तीर से दो निशाने साधे जा सके.
कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दम तोड़ता देख, जैश और लश्कर के आतंकियों ने हमास के नेताओं को इस कार्यक्रम को खास संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है. ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीन इस्लामिक रेजिस्टेंस मूवमेंट (हमास) के प्रतिनिधि डॉक्टर खालिद कादुमी को इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है.
ये पहली बार है कि कश्मीर से जुड़े किसी आयोजन में हमास के सीनियर नेताओं को आमंत्रित किया गया है.
इजरायल के युद्धविराम को हमास ने तब्दील किया प्रोपेगेंडा में
दरअसल, पिछले डेढ़ साल से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में रोक दिया गया है. युद्धविराम के बाद आतंकी संगठन हमास ने इजरायली बंधकों को किस्तों में रिहा करना शुरू कर दिया है.
बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल को भी बड़ी संख्या में हमास और फिलिस्तीन से जुड़े आतंकी और कट्टरपंथियों को छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में हमास और इस्लामिक देश, इस युद्धविराम को इजरायल की हार और हमास की जीत के तौर पर देख रहे हैं.
खबर तो ये भी है कि पीओके के प्रधानमंत्री अनवर उल हक और दूसरे बड़े नेताओं को भी कश्मीर और हमास से जुड़े सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है.