जैश के आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी के वीडियो के कुछ और हिस्से सामने आए हैं. इस क्लीप में इलियास, जैश के संस्थापक मसूद अजहर को दुनिया की एटमी ताकतों के बीच युद्ध का कारण बता रहा है. पीएम मोदी ने इलियास के वीडियो का जिक्र अपने जन्मदिन पर धार की रैली में किया था. भारत की खुफिया एजेंसियों ने इलियास के पूरे वीडिया का एनालिसिस किया है.
मसूद इलियास कश्मीरी के जहरीले बोल वाला पूरा वीडियो आया सामने
जांच में पाया गया कि ये रैली 14 सितंबर को खैबर पख्तूनख्वा के मानसेरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह में आयोजित की गई थी. इस रैली में भड़काऊ और भारत-विरोधी भाषण दिए गए. साथ ही तय किया गया कि जैश और हिजबुल मुजाहिद्दीन अपने टेरर कैंप अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से शिफ्ट कर खैबर पख्तूनख्वा ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि खैबर पख्तूनख्वा, भारत की सीमा से दूर है. जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पीओके में चल रहे छह (03) कैंपों को तबाह कर दिया था–बाकी बहावलपुर और मुरीदके सहित कुल तीन कैंप पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में थे.
हालांकि, वर्ष 2019 में भारतीय वायुसेना ने जिस बालाकोट में जैश के कैंप पर हवाई हमला किया था, वो भी खैबर पख्तूनख्वा में ही था. उस दौरान भी पाकिस्तानी वायुसेना को भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक की कानो कान खबर नहीं लगी थी. जब भारतीय मिराज फाइटर जेट वापस भारत की सीमा में लौटे, तब जाकर पाकिस्तान की नींद खुली थी.
मसूद अजहर का शोहदा है इलियास
जानकारी के मुताबिक, जैश की मानसेरा रैली का असल मकसद आतंकियों की भर्ती थी, जो एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच शुरु होने से पहले आयोजित की गई थी. रैली में जैश का कश्मीर (पीओके) और खैबर पख्तूनख्वा का आमिर (प्रमुख) मसूद इलियास कश्मीरी कई कट्टरपंथी मौलानाओं और आतंकियों के साथ मौजूद था. इलियास को जैश के हथियारबंद आतंकी और पुलिस, दोनों की सुरक्षा मिली थी. यहां तक की खैबर पख्तूनख्वा प्रांत पुलिस तक इस जलसे में मौजूद था. जलसे को पाकिस्तान की एक राजनीतिक पार्टी जमात उलेमा ए इस्लाम (जेयूआई) के साथ मिलकर आयोजित किया गया था.
इसी रैली में इलियास ने 7 मई का भारत की एयर स्ट्राइक में बहावलपुर में मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों के मारे जाने की पुष्टि की थी. इस दौरान इलियास ने अल कायदा के संस्थापक आतंकी ओसामा बिन लादेन का नाम बार-बार लिया और बताया कि आईसी-814 हाईजैकिंग के दौरान भारत द्वारा छोड़े गए आतंकी मसूद अजहर ने खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट को ही अपना पहला अड्डा बनाया था. ऐसे में एक बार फिर जैश ए मोहम्मद, बहावलपुर और पीओके से बोरिया बिस्तर बांधकर खैबर पख्तूनख्वा जाने की तैयारी कर रहा है.
जैश ने बदला नाम, अब जाना जाएगा अल-मुरोबितून नाम से
खबर ये भी है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश ए मोहम्मद अब अपना नाम बदलने की तैयारी कर रहा है. अब जैश के बजाए अल-मुरोबितून नाम से जैश को जाना जाएगा. जैश का अगला जलसा 25 सितंबर को पेशावर के मरकज शहीद मकसूदाबाद में नए नाम से किया जाएगा.
इस बीच लश्कर के एक कमांडर कासिम का मुरीदके (लश्कर का हेडक्वार्टर) का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में कासिम मुरीदके के बाहर खड़ा होकर बता रहा है किसे यहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी. लेकिन भारत की 7 मई की स्ट्राइक में जो इमारत बर्बाद हुई है, उसकी जगह दूसरी इमारत बनना शुरु हो गई है, जो पहले से ज्यादा बड़ी होगी.