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न्यूयॉर्क में मिले जयशंकर-रुबियो , टैरिफ और वीजा विवाद के बाद पहली बार आमने सामने

अमेरिका के साथ टैरिफ, भारत-पाकिस्तान की बीच सीजफायर के क्रेडिट को लेकर हुई तल्खी के बीच पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर और मार्को रुबियो की एक दूसरे से मुलाकात हुई है. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो के साथ न्यूयॉर्क में बैठक की. 

इस बैठक को भारत-अमेरिका संबंधों में नए सिरे से विश्वास बहाली और व्यापारिक तनाव कम करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है. 

हम संपर्क में बने रहेंगे: एस जयशंकर

यूएन की बैठक से इतर एस जयशंकर और मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई है. मार्को रुबियो के साथ हुई मीटिंग के बाद तस्वीर पोस्ट करते हुए एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “आज सुबह न्यूयॉर्क में मार्को रुबियो से मिलकर खुशी हुई. हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर सहमति हुई. हम संपर्क में बने रहेंगे.”

किन मुद्दों पर जय-रुबियो में हुई बातचीत

न्यूयॉर्क में हुई विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की द्विपक्षीय वार्ता के संबंध में दोनों पक्षों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि रूस के साथ तेल खरीदने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया होगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर कुल 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. जिसके बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास आई है, क्योंकि हाई टैरिफ के बदले अमेरिका ने भारत को झुकाने की कोशिश की थी, लेकिन भारत से अमेरिका के सामने न झुकते हुए राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी. 

ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ गया था. टैरिफ के फैसले के बाद दोनों विदेश मंत्री पहली बार आमने-सामने की बातचीत की है.

वहीं हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क को अचानक बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया है. इससे भारत के आईटी पेशेवरों और कंपनियों में चिंता बढ़ गई है.

माना जा रहा है कि दोनों विदेश मंत्रियों का रिश्ते बहाल करने और मजबूत करने पर जोर है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी राष्ट्रपति भारत का गुणगान करने में जुटे हुए हैं. पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते हैं तो कभी ये कह रहे हैं कि अमेरिका ही भारत का सबसे करीबी मित्र है.

27 सितंबर को यूएनजीए में जयशंकर बोलेंगे, दुनिया सुनेगी

इस बैठक से पहले जयशंकर और रुबियो की पिछली मुलाकात जुलाई में वाशिंगटन डीसी में हुई थी. क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक के दौरान भी आपसी रिश्ते को मजबूत करने का संकल्प लिया गया था. जयशंकर और रुबियो के बीच हुई बैठक को हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे कई अहम वैश्विक मुद्दों पर भी सहयोग मजबूत करने के अवसर की तरह भी देखा जा रहा है.

एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के हाई लेवल 80वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. 27 सितंबर को जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से भारत की तरफ से भी भाषण देंगे. माना जा रहा है कि अपने भाषण में जयशंकर वैश्विक आतंकवाद को लेकर कई देशों की दोहरी मानसिकता पर प्रहार करेंगे.

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