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जी-20 में जयशंकर, गौर से सुनते रहे चीन, रूस और यूरोप के देश

साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी-20 बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे एस जयशंकर ने वैश्विक संघर्षों का जिक्र करते हुए चीन, रूस, फ्रांस समेत सभी देशों को बड़ी नसीहत दी है. संबोधन के अलावा चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय बैठक की. जिसमें भारत-चीन ने क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने को लेकर चर्चा की गई है. 

मतभेदों को विवाद और विवादों को संघर्ष नहीं बनना चाहिए: जयशंकर 

जी 20 की बैठक में एस जयशंकर ने दुनिया में तनाव को मुद्दा उठाते हुए कहा, “मतभेदों को विवाद नहीं बनना चाहिए, विवादों को संघर्ष नहीं बनना चाहिए और संघर्षों को बड़े विघटन का कारण नहीं बनना चाहिए. पिछले कुछ वर्षों से हम सभी को चिंतन करने के लिए सबक मिले हैं. लेकिन साथ ही, यह एक ऐसा अनुभव भी है जिसका लाभ हमें उठाना चाहिए क्योंकि हम दुनिया को बेहतरी की तरफ ले जाना चाहते हैं. एस जयशंकर ने इस बात को प्रमुखता से उठाया, “करार किए गए समझौतों का पालन किया जाना चाहिए और जबरदस्ती की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को फिर से काम पर लगा देना ही पर्याप्त नहीं है इसके काम करने के तरीके और प्रतिनिधित्व में बदलाव होना चाहिए. वैश्विक घाटे को कम करने के लिए अधिक बहुलवाद की जरूरत नहीं है. (https://x.com/DrSJaishankar/status/1892906477477621898)

हिंद महासागर में चीन के विस्तार पर बिना नाम लिए चोट

एस जयशंकर ने कहा, “सदस्य देशों को मानना होगा कि कि बहुपक्षीयता स्वयं बहुत खराब हालत में है और संयुक्त राष्ट्र तथा इसकी सुरक्षा परिषद अक्सर अवरुद्ध हो जाती है. अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) का सम्मान किया जाना चाहिए.”

दरअसल एस जयशंकर अप्रत्यक्ष तौर पर चीन पर निशाना साधा है, क्योंकि भारत चीन की “स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स” रणनीति से सावधान है, जिसमें पूरे क्षेत्र में सैन्य अड्डे और गठबंधन बनाना शामिल है. हाल ही में चीन ने पाकिस्तान के बहुराष्ट्रीय अमन-2025 नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया था, जिसमें इंडोनेशिया, इटली, जापान, मलेशिया, अमेरिका और कई दूसरे देशों ने भी हिस्सा लिया था. इसके अलावा चीन आए दिन हिंद महासागर में अपना जासूसी जहाज भेजता है.

चीनी विदेश मंत्री संग द्विपक्षीय चर्चा, संबंधों को सुधारने पर जोर

जी 20 की बैठक से इतर इस बैठक से इतर एस जयशंकर ने शुक्रवार को जोहान्सबर्ग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की.एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, जोहान्सबर्ग में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात का मौका मिला.मुझे खुशी है कि हम जोहान्सबर्ग में जी 20, विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान मिल पाए. इस तरह के मौकों ने हमारे संबंधों को तब भी बातचीत का मौका दिया है, जब हमारे संबंध कठिन दौर से गुजर रहे थे. दोनों देशों ने एक संस्था के रूप में जी-20 को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए कड़ी मेहनत की है. यह अपने आप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को प्रमाणित करता है.

हम ब्रिक्स, जी-20 और एससीओ के सहयोगी हैं: एस जयशंकर

एस जयशंकर और वांग यी के बीच हुई ये बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में भारत-चीन के बीच तनाव कम करते हुए कई तरह के समझौते हुए हैं. एनएसए अजीत डोवल और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीजिंग का दौरा किया था, जिसके बाद मानसरोवर यात्रा शुरु करने और नदी के पानी के डाटा शेयरिंग पर सहमति बनी थी. भारत और चीन में लगातार द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश की जा रही है, इसी के तहत एस जयशंकर और वांग यी के बीच बैठक हुई.

जयशंकर ने लिखा, “हमारे एनएसए और विदेश सचिव ने चीन का दौरा किया है. हमारे संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई है. इनमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन के साथ-साथ हमारे संबंधों के अन्य आयाम भी शामिल हैं. मुझे आज विचारों के आदान-प्रदान पर खुशी है. भारत और चीन, जी-20, एससीओ और ब्रिक्स के सदस्य हैं. आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी हैं, जहां विचारों का आदान-प्रदान हमारे आपसी लाभ के लिए होगा.”

रूसी विदेश मंत्री और जयशंकर में दोस्तों की तरह हुई औपचारिक और अनौपचारिक बातचीत 

जी 20 की बैठक में एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. तस्वीर में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, एस जयशंकर का ब्लेजर (कपड़े) छूते दिख रहे हैं और इस दौरान एस जयशंकर मुसकुरा रहे हैं. ये तस्वीर बताती है कि एस जयशंकर और सर्गेई लावरोव में कितनी अच्छी मित्रता है. ये एक इन्फॉर्मल बातचीत लग रही थी, लेकिन दोनों विदेश मंत्रियों में औपचारिक तौर पर भी द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और यूक्रेन संकट सहित वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. (https://x.com/DrSJaishankar/status/1892893663862182043)

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील, सिंगापुर समेत अन्य देशों के समकक्षों से मुलाकात की. इस दौरान, जयशंकर नेताओं से वैश्विक घटनाक्रमों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की.

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