Breaking News Geopolitics NATO

म्यूनिख में जयशंकर का जलवा, पश्चिमी देशों को धो डाला

जर्मनी के म्यूनिख में विदेश मंत्री एस जयशंकर की बेबाकी एक बार फिर से दुनिया के सामने आई है. कटाक्ष करते हुए एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों पर ग्लोबल साउथ में गैर-लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा देने का संगीन आरोप लगाया.

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि “पश्चिमी देश जिन चीजों का पालन अपने देश में करते हैं, वो खुद विदेशों में उनका पालन नहीं करते हैं.” बांग्लादेश का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि “पश्चिम (पश्चिमी देशों) ने ग्लोबल साउथ में गैर-लोकतांत्रिक ताकतों को प्रोत्साहित किया. पश्चिमी देश बाकी दुनिया पर अपने लोकतंत्र का मॉडल थोपने में लगे रहते हैं, उन्हें भी पश्चिम के बाहर के सफल मॉडलों को अपनाना चाहिए.”

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने बताया लोकतंत्र का असल मतलब

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में पहुंचे एस जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र खतरे में है, तो जयशंकर ने कहा, “हमारे लिए, लोकतंत्र केवल एक सिद्धांत नहीं बल्कि एक डिलीवर किया गया वादा है.” अपने इस बयान के बाद एस जयशंकर ने खतरे में लोकतंत्र कहने वालों की परत दर परत खोलनी शुरु कर दी. 

एस जयशंकर ने कहा, “एक समय था जब पश्चिम ने लोकतंत्र को एक पश्चिमी विशेषता के रूप में माना और वैश्विक दक्षिण में गैर-लोकतांत्रिक ताकतों को प्रोत्साहित करने में व्यस्त था, और यह अभी भी ऐसा ही करता है. मेरा मतलब है, कई मामलों में, मैं कुछ बहुत ही हालिया मामलों की ओर इशारा कर सकता हूं जहां आप जो कुछ भी कहते हैं कि आप घर पर महत्व देते हैं, आप विदेश में उसका पालन नहीं करते हैं, इसलिए, मैं समझता हूं कि शेष वैश्विक दक्षिण अन्य देशों की सफलताओं, कमियों और प्रतिक्रियाओं को देखेगा.’’ (https://x.com/arunpudur/status/1890629320558911627)

भारत लोकतंत्र के प्रति वफादार: एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा, “हमारे सामने आने वाली सभी चुनौतियों के बावजूद, यहां तक कि कम आय के बावजूद, लोकतांत्रिक मॉडल के प्रति वफादार रहा है, जो कि दुनिया के हमारे हिस्से में भी देखने को मिलता है. हम लगभग एकमात्र देश हैं जिसने ऐसा किया है. बीते दशकों में भारत में मतदान प्रतिशत 20% तक बढ़ा है, जिससे यह साबित होता है कि भारत में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है. यह कहना कि दुनिया भर में लोकतंत्र मुश्किल में है, सही नहीं होगा. भारत में हम अच्छे से जी रहे हैं, अच्छे से वोट कर रहे हैं और अपने लोकतंत्र के भविष्य को लेकर आशावादी हैं.” (https://x.com/DrSJaishankar/status/1890472492529308014)

जयशंकर ने उंगली उठाकर दिखाई वोटिंग वाली स्याही

जयशंकर के अलावा, पैनल में नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन और वारसॉ के मेयर रफाल ट्रजास्कोवस्क शामिल थे. एस जयशंकर ने अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन की इस टिप्पणी का खंडन किया कि लोकतंत्र ‘‘खाने की व्यवस्था नहीं करता’’.

विदेश मंत्री ने साफ तौर से कहा, “सीनेटर, आपने कहा कि लोकतंत्र आपके खाने की व्यवस्था नहीं करता. वास्तव में, दुनिया के मेरे हिस्से में, यह (लोकतंत्र) करता है. आज, चूंकि हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं, इसलिए हम 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन देते हैं.”

जयशंकर ने ये भी कहा, ‘‘एक अपेक्षाकृत निराशावादी पैनल में आशावादी हूं, मैं एक अपेक्षाकृत निराशावादी पैनल में आशावादी नजर आया. मैं अपनी उंगली उठाकर शुरुआत करूंगा और इसे बुरा मत मानिए. मेरी उंगली में जो निशान आप मेरे नाखून पर देख रहे हैं, वह उस व्यक्ति का निशान है जिसने अभी-अभी मतदान किया है.’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे राज्य (दिल्ली) में अभी-अभी चुनाव हुआ है पिछले वर्ष हमारे यहां राष्ट्रीय चुनाव हुआ था. भारतीय चुनावों में 90 करोड़ मतदाताओं में से करीब 70 करोड़ ने मतदान किया, हम एक ही दिन में मतों की गिनती कर लेते हैं.”

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.