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युद्ध रोकने में भारत की मदद करें, हाथ बांध कर ना खड़े रहें !

दुनिया के दो बड़े-बड़े युद्ध रोकने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी देशों को भारत के साथ खड़े होने का आह्वान किया है. जयशंकर ने कहा कि भले ही भारत युद्ध रुकवाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बाकी देश हाथ बांधकर ना खड़ा रहें.

रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध ने बढ़ाई चिंता, आगे आएं देश

इनदिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए विदेश मंत्री ने ब्रिसबेन में भारतीय समुदाय से बातचीत में कहा कि मिडिल ईस्ट और यूरोप के तनावों को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर जोर दिया जाए. एस जयशंकर ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध ने चिंताओं को बढ़ा दिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए खुद पीएम मोदी प्रयास कर रहे हैं. 

पीएम मोदी ने जुलाई में रूस और अगस्त में यूक्रेन की यात्रा की थी. पीएम मोदी ने जून और फिर सितंबर में एक बार फिर से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की. अक्टूबर में पीएम मोदी एक बार फिर से कजान में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले. पीएम मोदी ने बार-बार दोनों नेताओं से शांति का आह्वान किया है. 

सिर्फ हाथ बांधकर ना खड़े रहें, साथ आएं: एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि “बाकी देश भी युद्ध रोकने के लिए आगे आएं. सिर्फ हाथ बांधकर खड़े ना रहें ये सोचते हुए कि ये नहीं हो पाएगा. हम दुनिया के सारे देशों से कहते हैं, साथ आइए और साथ मिलकर युद्ध रोकने की कोशिश करते हैं.” 

एस जयशंकर ने कहा, जब भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिश की थी. तो दूसरे देश शक के नजरिए से देखते थे. पर अब पश्चिमी देश भी मानने लगे हैं, कि भारत की कोशिशों से युद्ध रोका जा सकता है. रूस और यूक्रेन में एक ऐसी स्थिति है जो कूटनीतिक तरीके से हल की जा सकती है. सभी को कोशिश करनी चाहिए.

ग्लोबल साउथ और मिडिल ईस्ट पर क्या बोले एस जयशंकर?

एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ का जिक्र करते हुए कहा, हमारे प्रयासों के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ से भी बहुत मजबूत समर्थन मिल रहा है. इसलिए, हम उम्मीद कर रहे हैं कि कई बातचीत के माध्यम से, हम कुछ साझा आधार बनाने में सक्षम होंगे. 

वहीं पश्चिम एशिया की स्थिति पर जयशंकर ने कहा कि वहां की स्थिति बहुत अलग है. फिलहाल, संघर्ष को फैलने से रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. यहां एक अंतर यह है कि ईरान और इजरायल एक-दूसरे से सीधे बात करने में असमर्थ हैं. इसलिए अलग-अलग देश यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वो इस अंतर को पाट सकते हैं. हम (भारत) उनमें से एक हैं. 

पिछले महीने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने मिडिल ईस्ट में शांति की आवश्यकता पर जोर दिया साथ ही ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंधों के कारण संघर्ष को कम करने में भारत की भूमिका पर बात की.

दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है भारत: एस जयशंकर

ब्रिसबेन में एस जयशंकर ने कहा, “भारत, विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है. जब भारत विश्व की ओर देखता है तो उसे अवसर नजर आते हैं. हम आशावादी हैं, कुछ समस्याएं हो सकती हैं लेकिन कुल मिलाकर, हमें लगता है कि दुनिया में भारत के साथ काम करने की भावना है. हम दुनियाभर में भारत की सफलता के लिए एक भावना देखते हैं.”

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