रूस के कजान में होने जा रहे ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन से पहले भारत और जापान के संबंधों में कड़वाहट आने की आशंका है. ऐसा इसलिए क्योंकि जापान ने भारत की मिसगाइडेड डिप्लोमेसी और दक्षिण एशिया में कोई मित्र-देश ने होने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि, इस टिप्पणी पर भारत की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि जापान के मीडिया ने ऐसा, भारत द्वारा एशियन-नाटो गठबंधन बनाए जाने को खारिज होने के चलते किया है.
जापान ने भारत के खिलाफ टिप्पणी ऐसे समय में की है जब बुधवार से भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच साझा युद्धाभ्यास मालाबार विशाखापट्टनम में शुरू हुआ है (8-18 अक्टूबर).
दरअसल, हाल ही में जापान में नए प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने देश की कमान संभाली है. पीएम बनने से पहले इशिबा ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के सैन्य गठजोड़ नाटो (नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) की तर्ज पर एशिया में भी ऐसे ही मिलिट्री-एलायंस बनाने का आह्वान किया था. (https://x.com/indiannavy/status/1844024286308151807)
पिछले हफ्ते जब विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयॉर्क के दौरे पर थे तब एक सवाल के जवाब में उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री के एशियन-नाटो की तर्ज पर किसी सैन्य गठजोड़ से साफ इंकार कर दिया था.
भारत के अलावा आसियान समूह के भी देशों ने जापान के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. माना जा रहा है कि जयशंकर की साफगोई से जापान नाराज हो गया है और जापानी मीडिया ने भारत के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है.
भारत और जापान के संबंध काफी पुरानी और गहरे हैं. ऐसे में जापान की मीडिया की टिप्पणी दोनों देशों के संबंधों में खटास ला सकती है.
दरअसल, जापान का अपने पड़ोसी देश चीन और उत्तर कोरिया से पुराना विवाद चल रहा है. दूसरी तरफ रूस भी चीन के साथ मिलकर जापान के समंदर में साझा युद्धाभ्यास करता रहता है.
चीन, रूस और उत्तर कोरिया की उकसावे की कार्रवाई से परेशान जापान ने अमेरिका को अपने देश में पूरी एक कमांड स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. साथ ही नए प्रधानमंत्री इशिबा चाहते हैं कि अमेरिका के न्यूक्लियर हथियारों का संचालन भी जापान के हाथ में हो.
इसी महीने रूस के कजान में ब्रिक्स देशों की अहम बैठक होने जा रही है (22-24 अक्टूबर). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं.
ऐसे में माना जा रहा है कि जापान, भारत से खिन्न है. हालांकि, जापान से ये भूल गया है कि हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने दिल्ली का दौरा कर अपने सभी गिले-शिकवे दूर कर लिए हैं.
साथ ही बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने भी भारत से संबंधों को लेकर गुहार लगाई है. अगस्त के महीने में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तकरार जरूर आई थी.
चिर-परिचित दुश्मन पाकिस्तान और चीन को छोड़कर भारत के पड़ोसी देश भूटान, श्रीलंका और नेपाल से मजबूत संबंध हैं.
पाकिस्तान से संबंध खराब होने के बावजूद विदेश मंत्री जयशंकर अगले हफ्ते पाकिस्तान में होने जा रही एससीओ समिट (15-16 अक्टूबर) में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जा रहे हैं. (भारत में होगा मालाबार युद्धाभ्यास, चीन की टेंशन पक्की)