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धरती के कोने-कोने तक पीछा करेंगे, एफबीआई चीफ काश पटेल की हुंकार

एफबीआई डायरेक्टर के पद पर आसीन होते ही कश्यप प्रमोद पटेल (काश पटेल) ने भरी है हुंकार. काश पटेल ने उन लोगों को वॉर्निंग दी है जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. भारतीय मूल के काश पटेल ने दो टूक कहा है, हम उन्हें बख्शेंगे नहीं. लंबी सुनवाई के बार काश पटेल को सीनेट ने कार्यभार संभालने की मंजूरी दी है. 51-49 वोट की कड़ी टक्कर के बाद काश को सीनेट ने एफबीआई डायरेक्टर बनने की मंजूरी दी है.

आज से खत्म एफबीआई में राजनीतिकरण- काश पटेल

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा में काश पटेल ने लिखा, “मुझे संघीय जांच ब्यूरो के नौवें निदेशक के रूप में पुष्टि किए जाने पर सम्मानित महसूस हो रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बॉन्डी को आपके अटूट विश्वास और समर्थन के लिए धन्यवाद. एफबीआई की एक लंबी विरासत है, ‘जी-मेन’ से लेकर 9/11 के बाद हमारे देश की सुरक्षा तक. अमेरिकी लोग एक ऐसी एफबीआई के हकदार हैं जो पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के लिए प्रतिबद्ध हो. हमारी न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता के विश्वास को खत्म कर दिया है, लेकिन यह आज खत्म हो गया है.”

दुनिया के हर कोने में उनका पीछा करेंगे- काश पटेल

बाइडेन प्रशासन के दौरान एफबीआई को लगातार घेरने वाले काश पटेल ने कहा, “एफबीआई को एक ऐसे संगठन के रूप में पुनर्निर्माण करेंगे, जिस पर अमेरिकी लोग गर्व कर सकें. एफबीआई अब पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के लिए जाना जाएगा. जो लोग अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, इसे अपनी चेतावनी मानें, हम इस दुनिया के हर कोने में उनका पीछा करेंगे. चलिए काम पर लग जाते हैं.”

कौन हैं काश पटेल? 

काश पटेल के पूर्वज मूल रूप से भारत के गुजरात से तालुल्क रखते थे.  हालांकि उनका जन्म अमेरिका में ही हुआ था. कानून की पढ़ाई के बाद बतौर वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया. 44 साल के काश पटेल हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के स्टाफ के तौर पर भी वो काम कर चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उन्हें कई जिम्मेदारी मिली थी.रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर वो कार्य कर चुके थे. 

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