By Nalini Tewari
कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों की हिमाकत देखिए कि एक गुरुद्वारा परिसर में खालिस्तान गणराज्य का दूतावास बना डाला. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानियों ने ये एंबेसी बनाई है और बोर्ड पर भारत के मोस्टवांटेड मारे जा चुके हरदीप सिंह निज्जर की तस्वीर लगाई है. इसी गुरुद्वारे के परिसर में दो वर्ष पूर्व, निज्जर की हत्या की गई थी.
आतंकी निज्जर के खालिस्तानी समर्थकों यह कदम प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा घोषित सिख जनमत संग्रह (सिख रेफेरेंडम) से पहले सामने आया है.
खालिस्तानी समर्थकों के इस कदम से भारत-कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर कड़वाहट आ सकती है. क्योंकि जून के महीने में कनाडा गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडाई पीएम मार्क कार्नी से खालिस्तानी आतंकियों पर लगाम लगाने को कहा था. जिसपर मार्क कार्नी ने भी भरोसा दिया था.
जिस गुरुद्वारे में हुई थी निज्जर की हत्या, वहां खोला गया फर्जी दूतावास
भारत के मोस्टवांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने यह खालिस्तान दूतावास बनाया है. बताया गया है कि यह दूतावास कनाडा की स्थानीय सिख आबादी के लिए एक सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करता है.
एजेंसियों के मुताबिक इस इमारत का इस्तेमाल कट्टरपंथी खालिस्तानी, स्थानीय लोगों में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है. लोगों का ब्रेन वॉश किया जा रहा है.
यह वही गुरुद्वारा है, जहां 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या की इसी गुरुद्वारा की पार्किंग में हुई थी.
कोलंबियाई सरकार ने की है बिल्डिंग की फंडिंग:रिपोर्ट
बताया जा रहा है इस विवादास्पद दूतावास वाली इमारत का निर्माण ब्रिटिश कोलंबिया सरकार से मिले फंड से हुआ है. प्रांतीय सरकार ने हाल ही में इमारत में लिफ्ट लगाने के लिए भी 1,50,000 डॉलर आवंटित किए है. ऐसे में सरकारी फंड के इस तरह की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं.
सवाल ये उठ रहा है कि खुलेआम खालिस्तानी ऐसा कुछ कर रहे हैं, जो कानूनन गलत है, उसपर कनाडाई सरकार एक्शन क्यों नहीं ले रही.
जनमत संग्रह कराने की तैयारी में पन्नू, भारतीय एजेंसियां अलर्ट
इस कदम के पीछे प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का हाथ माना जा रहा है, जो एक बार फिर खालिस्तान जनमत संग्रह कराने की तैयारी में रहता है.
सिख फॉर जस्टिस भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन है. 2024 में केंद्र सरकार ने इस संगठन पर 5 साल के लिए बैन बढ़ा दिया था. सिख फॉर जस्टिस भारत में अलग राज्य की मांग करता है. यह संगठन को आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू चलाता है. पन्नू भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करता है और भारत में हिंसक गतिविधियों की धमकियां देता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी पन्नू ने वीडियो जारी करके अपना समर्थन पाकिस्तान को दिया था.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि कनाडा की खुफिया एजेंसी ने भी कुछ महीने पहले पहली बार खालिस्तानी उग्रवाद को खुले तौर पर खतरा माना था. खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में पहली बार माना कि कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी कट्टरपंथी राजनीतिक उद्देश्यों से हिंसा की योजना बना रहे हैं, और कनाडा की धरती पर भारत विरोधी काम होते हैं.