ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने अपने छोटे भाई से प्रिंस की पदवी छीन कर हलचल मचा दी है. बकिंघम पैसेल के शाही परिवार के फैसलों पर दुनियाभर में चर्चा हो रही है. बकिंघम पैलेस की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक एंड्रयू से प्रिंस टाइटल के साथ ही सभी सैन्य सम्मान वापस लेने का भी फैसला लिया गया है. प्रिंस एंड्रयू को विंडसर स्थित रॉयल लॉज छोड़ने का आदेश भी दिया गया है, जहां वे पिछले 2 दशकों से रह रहे थे.
किंग चार्ल्स ने यह फैसला अमेरिका के कुख्यात एपस्टीन स्कैंडल में एंड्रयू का नाम आने के बाद लिया है. एपस्टीन के साथ एंड्र्यू के संबंधों को लेकर शाही परिवार की बदनामी हो रही थी.
सिर्फ ये ही नहीं पिछले साल ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई 5 ने खुलासा किया था कि एंड्रयू के एक चीनी जासूस एच 6 (कोड नेम) से संबंध है. एच 6 चीनी जासूस को एंड्र्यू कई बार बकिंघम पैलेस ले जा चुके हैं.
एंड्र्यू से छिना प्रिंस का टाइटल, महल भी छोड़ने को कहा गया
बकिंघम पैलेस की ओर से जारी बयान में कहा गया, “महामहिम ने प्रिंस एंड्रयू के ‘स्टाइल, टाइटल्स और ऑनर्स’ हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की है. अब वो ‘एंड्रयू माउंटबैटन विंडसर’ के नाम से जाने जाएंगे. पैलेस ने बताया कि रॉयल लॉज की लीज खत्म करने का नोटिस उन्हें थमा दिया गया है. वो अब किंग चार्ल्स की निजी संपत्ति सैंडरिंगहैम एस्टेट (नॉरफॉक) में रहने के लिए शिफ्ट होंगे.”
यानि एंड्र्यू अब आम व्यक्ति की तरह रहेंगे. सरकारी खर्च पर मिलने वाली निजी सुरक्षा भी नहीं मिलेगी.
क्या है एपस्टीन मामला, जिसने प्रिंस से राजशाही छीनी
सिर्फ ब्रिटेन में ही नहीं बल्कि अमेरिका में एपस्टीन मामला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी गले की फांस बना हुआ है. कहने को तो जेफरी एपस्टीन एक अरबपति फाइनेंसर था, लेकिन उसपर यौन तस्करी का बड़ा आरोप था. एपस्टीन, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू और डोनाल्ड ट्रंप का बेहद करीबी दोस्त था.
जेफरी एपस्टीन के शोषण और तस्करी नेटवर्क को उजागर करने में अहम भूमिका निभाने वाली वर्जीनिया गिफ्रे ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा.
खुलासा हुआ कि फ्लोरिडा में रहने वाली गिफ्रे को जेफरी एपस्टीन ने साल 1999 से 2002 के बीच कई हाईप्रोफाइल लोगों के पास भेजा था. गिफ्रे ने बताया था कि उसे जिन बड़े लोगों के पास भेजा गया था,उनमें ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू और फ्रांस के मॉडलिंग एजेंट जीन-ल्यूक ब्रनेल शामिल थे.
एपस्टीन पर साल 2002- 2005 तक कई रेप के आरोप थे. साल 2019 में एपस्टीन की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. इसी साल एपस्टीन फाइलों का एक हिस्सा जारी किया गया था. फाइल में फाइनेंसर और बाल यौन अपराधों और उसके हाई-प्रोफाइल सहयोगियों की जानकारी थी.
जेफरी एपस्टीन से जुड़े अदालती दस्तावेजों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी हिलेरी क्लिंटन, स्टीफन हॉकिंग, हॉलीवुड स्टार लियोनार्डो डिकैप्रियो जैसे बड़े हस्तियों के नाम हैं. जिसे सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही है.
विवादों से पुराना नाता, चीनी जासूस से भी थी दोस्ती
इंग्लैेड के किंग (राजा) चार्ल्स के छोटे भाई और स्वर्गीय महारानी एलिजाबेथ के बेटे एंड्रयू पर सिर्फ एपस्टीन ही नहीं चीनी जासूस को महल में एंट्री कराने और उनसे संबंधित होने का आरोप लगा है. पिछले साल जब ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी, एमआई-5 ने एक चीनी व्यापारी पर बैन लगाया था. तो खुलासा हुआ कि ये व्यापारी प्रिंस एंड्रयू का करीबी है. इतना करीबी कि उनके हर कार्यक्रम में साथ रहता था. जांच में पता चला कि वो एक चीनी जासूस है, जिसका कोड नेम एच 6 रखा गया था.
एमआई-5 का दावा था कि एच 6 यूनाइडेट फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के लिए काम करता है. यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए विदेशों में जासूसी का काम करता है. कोर्ट में सुनवाई में कहा गया था कि एच 6 को साल 2020 में प्रिंस एंड्रयू के बर्थडे पार्टी में भी बुलाया गया था.
प्रिंस एंड्रयू की तरफ से कहा गया था कि “उस एच 6 (जासूस)के साथ आधिकारिक चैनलों के माध्यम से ही बातचीत हुई थी. पर उससे किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर उसके साथ न तो बातचीत हुई न ही कोई जानकारी साझा की गयी. कथित जासूस से सभी संपर्क खत्म कर दिए थे.”

