भारत और दक्षिण कोरिया मित्रता अटूट है, अभी से नहीं बल्कि दशकों से ऐसे कई उदाहरण हैं जब भारत और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए हैं. एक ऐसा है मौका था कोरियाई युद्ध का, जब भारतीय सेना के 60 पैरा फील्ड एंबुलेंस ने कोरिया की मदद के लिए निःस्वार्थ सेवा दी थी.
कोरियाई युद्ध की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया ने कोरिया-भारत मैत्री स्क्रीनिंग का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में भारतीय सेना के मानवीय चेहरे की सराहना की गई है.
कोरियाई युद्ध में भारतीय सेना की सहायता को किया याद
भारत और कोरिया की मैत्री का परिचय देते हुए कोरियाई कल्चरल सेंटर ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भारतीय और कोरियाई लोगों ने हिस्सा लिया.
दरअसल साल 1950 में भारत ने 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस की टुकड़ी को कोरिया भेजा, जिसमें 341 चिकित्सा कर्मी शामिल थे. यह इकाई युद्ध के मोर्चे पर तैनात रही और घायल सैनिकों को बचाने और उनका उपचार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया. पूरे 25 महीनों तक कोरिया में सेवाएं देते हुए, उन्होंने मानवता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना का आदर्श उदाहरण पेश किया.
‘ताएगुकगी: द ब्रदरहुड ऑफ वॉर’ के जरिए दिखाया गया भारत-कोरिया का भाईचारा
कार्यक्रम के दौरान दिखाई गई फिल्म ‘ताएगुकगी: द ब्रदरहुड ऑफ वॉर’ एक बंटे हुए देश की पीड़ा और युद्ध के समय भाईचारे के रिश्ते को दर्शाती है. यह फिल्म कोरिया और भारत के साझा मूल्यों और बलिदानों की गहरी याद दिलाती है.
उस फिल्म में वॉन बिन मुख्य भूमिका में हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोंग जून-हो द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मदर’ के लिए जाना जाता है. उनके साथ जांग डोंग-गुन हैं, जो ‘फ्रेंड’ और ‘अ जेंटलमैन्स डिग्निटी’ जैसी हिट फिल्मों के लिए लोकप्रिय हैं.
कोरियाई युद्ध में भारत की ओर से पैरा फील्ड एंबुलेंस भेजना सच्ची दोस्ती बलिदान का प्रतीक: ह्वांग इल यॉन्ग
कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया के निदेशक ह्वांग इल यॉन्ग ने कहा, “फिल्म सिर्फ एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह भावनाओं, यादों और समझ को साझा करने का एक मजबूत पुल है. कोरियाई युद्ध के दौरान भारत द्वारा 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस को भेजना सच्ची दोस्ती और महान बलिदान का प्रतीक है. हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम दर्शकों को कोरिया और भारत के मजबूत रिश्तों पर सोचने और सिनेमा के माध्यम से एक गहरे जुड़ाव और सहानुभूति का अनुभव करने का मौका देगा.
फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा कोरियाई कैलीग्राफी का आयोजन
फिल्म स्क्रीनिंग के साथ-साथ, दर्शकों को कोरियाई कैलीग्राफी कार्यशाला में भाग लिया, साथ ही प्रतिभागियों ने वर्चुअल रियलिटी यात्रा पर किया. जहां कोरिया की प्राकृतिक सुंदरता को बहुत ही जीवंत तरीके से अनुभव किया. यह कार्यक्रम केवल देखने तक सीमित नहीं था, बल्कि लोगों को कोरिया के इतिहास और संस्कृति से गहराई से जुड़ने का मौका भी मिला.