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मैक्रों की परमाणु युद्ध की चेतावनी, रूस बोला कर देंगे नेपोलियन जैसी हालत

रूस के हमले से बचने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पूरे यूरोप को न्यूक्लियर-शील्ड देने का ऐलान किया तो, रूस ने कह दिया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के पूर्वज नेपोलियन जैसी हालत कर देंगे. ईयू की राजधानी ब्रसेल्स में यूरोपीय देश एक बार फिर यूक्रेन के समर्थन में जुटे और कहा कि रूस के सामने घुटने नहीं टेकेंगे.

मैक्रो ने रूस के खतरे से बचने के लिए सभी यूरोपीय देशों की सेनाओं के प्रमुखों के सम्मेलन का प्रस्ताव रखा है. इस सम्मेलन में यूरोप को रूस के हमले से बचाने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

ब्रसेल्स समिट से पहले मैक्रों ने अपने देशवासियों के साथ-साथ पूरे यूरोप के नागरिकों को संबोधित किया. इस दौरान मैक्रों ने पारंपरिक और परमाणु युद्ध के लिए तैयार होने का आह्वान किया.

यूरोप को दे सकते हैं न्यूक्लियर शील्ड: मैक्रों

एक परमाणु शक्ति संपन्न देश होने के नाते मैक्रों ने यूरोप को फ्रांसीसी न्यूक्लियर-अम्ब्रेला (परमाणु कवच) देने का भी ऑफर दे डाला. मैक्रों के इस प्रस्ताव को पोलैंड और लिथुयानिया जैसे देशों ने हाथों-हाथ ले लिया. फ्रांस के साथ ही इंग्लैंड भी ऐसा यूरोपीय देश है जो परमाणु शक्ति है.

सोवियत संघ की तरह हारेगा रूस: पौलेंड

पोलैंड के राष्ट्रपति डोनाल्ड टस्क ने तो रूस की तरह ही आर्म्स-रेस में शामिल होने का ऐलान कर दिया. टस्क ने रूस को 40 साल पुरानी सोवियत संघ की हार (विघटन) को याद तक दिला दिया.

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एक बार फिर यूरोपीय संघ (ईयू) के देश डिफेंस समिट के लिए जुटे. सम्मेलन का उद्देश्य था यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता और यूरोप का रक्षा बजट.

ईयू के लिए 844 बिलियन डॉलर का रक्षा बजट

यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने यूरोप के लिए 844 बिलियन डॉलर के रक्षा बजट का प्रस्ताव रखा है. इस बजट से रूस से लड़ने के लिए टैंक, तोप और गोला-बारूद खरीदने का प्रस्ताव है. (ईयू नहीं चाहता जंग जल्द समाप्त हो, ब्रसेल्स में फिर लगा जमावड़ा)

रूस का पलटवार, कहा नेपोलियन को याद करे मैक्रों

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, मारिया ज़खारोवा ने मैक्रों पर न्यूक्लियर ब्लैकमेल  का आरोप लगाया. मैक्रों की अपने देशवासियों को दिए भाषण पर ज़खारोवा ने कहा कि अब साफ हो चुका है कि यूक्रेन युद्ध का नेतृत्व कौन कर रहा है.

ज़खारोवा ने कहा कि रूस ने कभी भी फ्रांस की स्वतंत्रता को नुकसान नहीं पहुंचाया है. यहा तक की दोनों विश्व युद्ध में फ्रांस की मदद की.

मैक्रों के बयान पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने फ्रांस के ऐतिहासिक कमांडर नेपोलियन बोर्नपॉट (1769-1821) को लेकर चुटकी ली. दरअसल, पूरे यूरोप पर फतह कर चुके नेपोलियन को रूस पर आक्रमण के दौरान मुंह की खानी पड़ी थी (1812-13).