पाकिस्तान ने भारत के लिए ‘टू टु टैंगो वाली’ दोस्ती का शगूफा छोड़ा तो भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को सीधे-सीधे कह दिया कि टी फॉर टैंगो नहीं टी फॉर ‘टेररिज़्म’.
भारत के सामने दोस्ती और द्विपक्षीय वार्ता के लिए झोली फैलाए पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि दोस्ती के लिए दो लोगों की जरूरत होती है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दुनिया को ये दिखाने की कोशिश की थी कि पाकिस्तान बात करना चाहता है, पर भारत नहीं करता.
इशाक डार के टैंगो पर विदेश मंत्रालय ने ऐसा पलटवार किया है कि आगे से डार साहब भारत पर टिप्पणी करने से पहले 100 बार सोचेंगे.
टी शब्द आतंकवाद है,न कि टैंगो: रणधीर जायसवाल
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के ताजा बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए सीधे शब्दों में पाकिस्तान संग दोस्ती न होने की वजह बता दी. विदश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जहां तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान का सवाल है, उन्होंने टैंगो शब्द का इस्तेमाल किया. इसमें जो टी शब्द है, उसका सही मतलब टैंगो नहीं बल्कि टेररिज्म यानी आतंकवाद है.” (https://x.com/TheUnderLineIN/status/1875155716018934175)
हेलरी क्लिंटन ने कहा था, आप बैकयार्ड में सांप नहीं पाल सकते: जायसवाल
पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर किए गए सवाल पर रणधीर जायसवाल ने साफ कहा ”मैं आपको हिलेरी क्लिंटन की कही बात याद दिलाना चाहूंगा, आप अपने बैकयार्ड में अगर सांप पालते हैं तो ये उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वो सांप सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही काटेगा.”
रणधीर जायसवाल ने दो टूक कहा, “भारत वर्षों से कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते सिर्फ एक शर्त पर सुधर सकते हैं, जब वह आतंकवाद का साथ छोड़ेगा. उससे पहले किसी तरह की बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है.”
जयशंकर से पाकिस्तान ने लगाई थी आस, पर टूट गया था सपना
पुलवामा और उरी अटैक के बाद पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते खराब हो गए थे. भारत ने साफ-साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देगा, भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देगा, कोई बातचीत नहीं की जाएगी. (https://x.com/TheUnderLineIN/status/1875051984572829878)
पिछले साल एससीओ की बैठक में जब 09 साल बाद कोई भारतीय प्रतिनिधि इस्लामाबाद पहुंचा को पाकिस्तान को बहुत उम्मीद थी, कि रिश्ते सामान्य हो सकते हैं. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के दौरे से पहले ही कह दिया था कि वो सिर्फ और सिर्फ एससीओ की बैठक में एक देश की तरह शामिल होंगे और वापस लौट आएंगे. पाकिस्तान दोस्ती या फिर किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद न लगाए. उस वक्त जयशंकर और इशाक डार के बीच मुलाकात की तस्वीरें खूब शेयर हुई. लेकिन फिर भारत अपने सख्त रुख पर कायम रहा.