By Himanshu Kumar
त्रिपुरा में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) ने सरकार के साथ शांति समझौते कर लिया है.
बुधवार को त्रिपुरा के दोनों संगठनों ने राजधानी दिल्ली में गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के साथ
शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत 328 सशस्त्र कैडर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं. इस महत्वपूर्ण समझौते का उद्देश्य क्षेत्र में कई दशक से चल रहे उग्रवाद और हिंसा को समाप्त करना है.
हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री अमित शाह ने इन उग्रवादी समूहों के हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के फैसले पर अपनी खुशी व्यक्त की. अमित शाह ने कहा कि “यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि 35 साल से चल रहे संघर्ष के बाद, आपने हथियार छोड़ दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.”
गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति और विकास को प्राथमिकता दी है, बुनियादी ढांचे और बातचीत के जरिए अंतराल को पाटा है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शांति को बढ़ावा देने में केंद्र सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व और अमित शाह की सक्रिय पहल के तहत, पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में एक दर्जन शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.”