दिल्ली पहुंचे कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का एयरपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है. पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सोमवार देर शाम दिल्ली पहुंचे कतर के अमीर का खुद अभिनंदन किया.
कतर के अमीर दो दिनों की यात्रा पर दिल्ली में हैं, कतर और भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.
भारत में कतर के अमीर, मंगलवार को औपचारिक स्वागत
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी सोमवार शाम को भारत के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया. पीएम मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने एक दूसरे को गले लगाया.
मंगलवार को अमीर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और मोदी के साथ बातचीत करेंगे. कतर के अमीर शेख तमीम की यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर हो रही है. कतर के अमीर की यह दूसरी भारत यात्रा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इससे पहले वो मार्च 2015 में भारत आए थे. मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू ने एक डिनर का भी आयोजन किया है. (https://x.com/narendramodi/status/1891505656047235330?s=46)
पीएम मोदी- अल थानी में किन मुद्दों पर होगी बात?
भारत और कतर के बीच दोस्ती, विश्वास और आपसी सम्मान के गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं. हाल के वर्षों में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित दोनों देशों के बीच संबंध लगातार मजबूत हुए हैं. इस दौरे पर भी कुछ अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली में राजकीय यात्रा पर आए कतर के अमीर तमीम बिन हमद से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. कई क्षेत्रों में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने में उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं. मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी वार्ता से हमारी मित्रता के घनिष्ठ संबंध और मजबूत होंगे.”
इस वर्ष की शुरुआत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर 2025 की अपनी पहली कूटनीतिक यात्रा के लिए दोहा गए थे, जहां उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात की थी.
तमीम बिन अल-थानी के बारे में जानिए
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं, उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके तमीम बिन हमद ने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दी हैं.
44 साल के तमीम न सिर्फ कतर के सबसे युवा अमीर हैं बल्कि दुनियाभर के युवा राष्ट्राध्यक्षों में गिने जाते हैं. ब्रिटेन से उच्च शिक्षा हासिल कर कतर लौटने पर तमीम को साल 2003 में क्राउन प्रिंस बनाया गया था. इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद दिया गया था. भारत, कतर का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
कतर के कब्जे में भारतीय नौसैनिक, जासूसी मामले में फंसा पेंच
कतर और भारत के द्विपक्षीय रिश्तों की बदौलत ही कतर ने पिछले साल जेल में बंद भारत के 7 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. कतर से छूटे नौसैनिकों की रिहाई भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी गई, क्योंकि सभी को फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन भारत ने न सिर्फ फांसी की सजा माफ करवाई बल्कि 8 में से 7 पूर्व नौसैनिकों को सुरक्षित भारत में वापसी भी हुई.
लेकिन अभी भी एक पूर्व नौसैनिक पूर्णेंदु तिवारी कतर के कब्जे में हैं. पूर्णेंदु पर जासूसी समेत कई गंभीर आरोप हैं. हाल ही में खुलासा हुआ था कि पूर्णेंदु तिवारी ने कतर में भारतीय राजदूत, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी समेत कई भारतीय अधिकारियों को पत्र लिखकर टॉर्चर की कहानी सुनाई है.
पत्र में पूर्व नौसेना कमांडर ने बताया है, कि कतर के अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे जासूसी के झूठे आरोप के बाद उन पर बाद में एक और अपराध का आरोप लगाया गया. पूर्णेंदु तिवारी ने ये चिट्ठी पिछले साल दिसंबर के महीने में ही लिखी है.
कतर एजेंसी के कब्जे में आए पूर्व नौसेना कमांडर तिवारी को राष्ट्रपति से एनआरआई अवार्ड मिल चुका है और भारतीय नौसेना और वाणिज्यिक क्षेत्र में 44 वर्षों का अनुभव है.
माना जा रहा है कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत, कतर के सामने अपने पूर्व नौसैनिक की रिहाई का मुद्दा उठा सकते हैं. परिवार और पूर्व नौसैनिकों को उम्मीद है कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद कतर के अमीर पूर्णेंदु को भी क्षमादान दे सकते हैं और पूर्णेंदु एक बार फिर अपने परिवार के साथ होंगे.