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रक्षा राज्यमंत्री से फोन पर रंगदारी, पुलिस हरकत में

केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ से ‘लाल सलाम’ के साथ रंगदारी की धमकी दिए जाने के बाद दिल्ली से लेकर झारखंड तक हड़कंप मच गया है. संजय सेठ को मोबाइल पर मैसेज के जरिए 50 लाख की रंगदारी मांगी गई है. रांची से सांसद और केन्द्रीय मंत्री को धमकी दिए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस से लेकर झारखंड की पुलिस तक जांच में जुट गई है. 

लाल सलाम, सलामती चाहते हो तो….

मोदी सरकार में रक्षा राज्य मंत्री को शुक्रवार शाम करीब 4 बजे फोन पर मैसेज के जरिए धमकाया गया. मैसेज में रंगदारी मांगते हुए कहा गया कि खैरियत चाहते हो तो 50 लाख दो. 

धमकी वाले संदेश में ना सिर्फ रंगदारी मांगी गई है, बल्कि रंगदारी ना देने पर जान से मारने की भी धमकी दी गई है. मैसेज के फौरन बाद रक्षा राज्यमंत्री ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को रंगदारी की धमकी के बारे में सूचना दी. साथ ही संजय सेठ ने झारखंड के डीजीपी से भी फोन पर बात की. 

संजय सेठ को धमकी दिए जाने के बाद से दिल्ली और झारखंड पुलिस ने जांच शुरु कर दी है. दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने संजय सेठ से मुलाकात भी की है.

कहां से भेजा गया मैसेज, पुलिस को मिला सुराग?

रक्षा राज्य मंत्री को धमकी दिए जाने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं जांच में पता चला है कि 50 लाख की रंगदारी का मैसेज रांची के काके इलाके से भेजा गया था. अब पुलिस उस शख्स को सरगर्मी से तलाश कर रही है, जिसने ये धमकी भरा मैसेज भेजा है.

संजय सेठ ने खुद धमकी भरे मैसेज की पुष्टि की है.

धमकी देने के पीछे नक्सली, गिरोह या शरारत?

संजय सेठ लगातार दूसरी बार रांची से सांसद बने हैं और पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में एक बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी है. दिल्ली और झारखंड पुलिस मिलकर मामले की जांच कर रही है. हर एंगल से जांच की जा रही है.

चूंकि झारखंड नक्सली क्षेत्र है और गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइन भी दी है. ऐसे में पता किया जा रहा है कि कहीं नक्सलियों की ओर से तो धमकी नहीं दी गई है. या फिर लाल सलाम कहकर किसी ने गिरोह ने शरारत की है.

पुलिस का दावा है कि जल्द ही उस शख्स को पकड़ लिया जाएगा, जिसने धमकाया है. बहरहाल संजय सेठ दिल्ली से रांची पहुंच गए हैं और उन्होंने धमकी दिए जाने के मामले में झारखंड की सोरेन सरकार के कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. सेठ ने कहा है कि “हम रुकने वाले नहीं हैं, काम करते रहेंगे.”

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