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अमेरिका से भारत लाया जाएगा 26/11 का गुनहगार

मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के 16 साल बाद अब जख्म भरने का वक्त आ गया है. क्योंकि भारत आ सकता है वो शख्स जिसने रची थी देश के सबसे बड़े आतंकी हमले की साजिश. मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है. 

पाकिस्तानी नागरिक और आईएसआई के करीबी तहव्वुर को लेकर अमेरिका की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अमेरिकी अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तहव्वुर को प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को सौंपने का आदेश दिया है.

भारत लाया जाएगा आईएसआई और आतंकी हेडली का यार
अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर के खिलाफ फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि “तहव्वुर को प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है.” यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट’ ने अपने फैसले में कहा, ‘‘भारत अमेरिका प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है.’’

दरअसल भारत काफी समय से मोस्ट वांटेड तहव्वुर को भारत लाना चाहता है. अमेरिकी कोर्ट ने मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहुव्वर को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए अमेरिकी सरकार का अनुरोध स्वीकार कर लिया था. इस अपील के विरोध में तहुव्वर ने कैलिफोर्निया की अदालत में आदेश को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका दायर की थी. कोर्ट ने उसे लेकिन बड़ा झटका दिया है.
अपने फैसले में अमेरिकी पैनल ने माना कि भारत ने तहुव्वर पर हमले को लेकर लगाए गए आरोपों के लिए ‘पुख्ता सबूत’ सामने रखे हैं.

कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा पर क्या हैं आरोप?

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का खास साथी माना जाता है तहव्वुर. हमलों से पहले तहव्वुर और हेडली में कई बार मीटिंग हुईं. डेविड कोलमैन हेडली ने अपने बयान में तहव्वुर का नाम लिया है.

डेविड कोलमैन हेडली ही वो आतंकी है, जो हमले से पहले मुंबई आया था और मुंबई के ताज होटल, चबाड हाउस, लियोपोल्ड कैफे समेत कई मुख्य जगहों की रेकी की. बाद में आईएसआई और पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षण आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, बार, रेस्टोरेंट और चबाड हाउस समेत‌ कई जगहों पर हमला किया.

‘तहव्वुर जानता था भारत में क्या होने वाला है’
भारत के वांटेड राणा की पैरवी कर रहे वकील ने कोर्ट में कहा कि उसके क्लाइंट के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. अमेरिकी अटॉर्नी ने हालांकि कहा कि “एजेंसियों के पास तहव्वुर राणा के खिलाफ पर्याप्त सबूत है क्योंकि राणा जानता था कि साल 2006 और 2008 के बीच भारत में क्या होने जा रहा है. तहव्वुर ने कई बार डेविड हेडली से मुलाकात की, इसके दस्तावेज है जो हेडली की गवाही का समर्थन करते हैं जिसमें नकली वीजा को अप्लाई करना भी शामिल है. आतंकी डेविड हेडली को नकली वीजा इसलिए दिए गए थे ताकि वह भारत में दिखाने के लिए एक फर्जी कारोबार करें बल्कि असली मकसद हमलों से पहले रेकी करना था.”

हमले से पहले मुंबई के होटल में रुका था तहव्वुर
तहव्वुर के खिलाफ भारत में दाखिल चार्ज शीट के मुताबिक “26 नवंबर को हमले से ठीक पहले मुंबई के पवई में एक होटल में दो दिनों तक राणा रुका था. तहव्वुर राणा 11 नवंबर 2008 को भारत आया और 21 नवंबर तक भारत में रहा. इस दौरान ही वो दो दिन पवई के होटल में रहा. राणा ने ही पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के लिए नकली कागजातों के जरिए भारतीय टूरिस्ट वीजा दिलाने में मदद की थी.

राणा-हेडली और मेजर इकबाल की तिकड़ी
मुंबई हमले की प्लानिंग के दौरान हेडली और राणा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत भी एजेंसी को मिली. राणा और हेडली के बीच ईमेल के जरिए बातचीत हुई जिसमें हेडली ने मेजर इकबाल की ईमेल आईडी मांगी थी. मेजर इकबाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा है. क्योंकि 26/11  आतंकी हमले के पीछे आईएसआई की साजिश थी. मेजर इकबाल को भी भारतीय एजेंसियों ने राणा और कोलमैन हेडली के साथ आरोपी बनाया है.

आजकल कहां है तहव्वुर?
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के पद पर रह चुका भारत का वांटेड और मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा फिलहाल लॉस एंजेलिस की जेल में बंद है. अब तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर आए फैसले के बाद उन लोगों को इंसाफ की उम्मीद जगी है, जिन्होंने अपनों को खोया था. मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 239 लोग घायल हुए थे. मृतकों में छह अमेरिकी और इजरायली नागरिक भी थे.

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